देश को हरित क्रांति देने वाले किसान का अपमान बीजेपी को पड़ेगा भारीः राणा

Tuesday, Jan 05, 2021 - 04:27 PM (IST)

हमीरपुर : आम आदमी के आम मुद्दों पर मुखर रहते हुए आम आदमी के मामलों की लगातार पैरवी में अव्वल साबित हो चुके राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि जिस देश की हकुमत में देश के पालकों पर अत्याचार होता हो उस देश की हकुमत की तानाशाही ज्यादा समय नहीं टिकती है। किसानों की आमदन को दोगुना करने का वकालत करने वाली बीजेपी सरकार का काला सच यह है कि जिन किसानों को 500 रुपया प्रति महिना की राहत देकर सरकार बड़ी-बड़ी डींगे हांक रही है अब उन्हीं अधिकांश किसानों से ब्याज सहित उन पैसों को वसूलने का ताजा फरमान जारी किया है, जिससे किसान खुद को अपमानित व कुंठित महसूस कर रहे हैं। देश को खाद्य सुरक्षा का अभेद्य कवच देने वाले किसानों को सत्ता का दुरूपयोग करके जिस तरह सड़कों पर हताश और निराश किया जा रहा है वह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है। 

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अन्याय के खिलाफ संघर्ष हर वर्ग का मौलिक अधिकार है लेकिन सत्ता के दम पर उस संघर्ष को कुचलना किसानों पर अत्याचार है। वर्तमान किसान आंदोलन का सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि इस संघर्ष और आंदोलन में सबसे ज्यादा भागेदारी उन प्रदेश के किसानों की है, जिन्होंने देश को हरित क्रांति का गौरव दिया है। हरित क्रांति की गौरव गाथा में पंजाब, हरियाणा व उतर प्रदेश का सबसे बड़ा हाथ है लेकिन आज दुर्भाग्य यह है कि हरित क्रांति के जनक इन्हीं प्रदेशों के किसानों की बात नहीं सुनी जा रही है। अगर देश को अन्न उत्पादन में आत्म निर्भर बनाया है तो इसमें इन्हीं क्षेत्रों का सबसे बड़ा हाथ है लेकिन सत्ता अहम में जिद्द पर अड़ी सरकार के राज में देश को आत्मनिर्भर बनाने वाले किसान ही आज परनिर्भर होकर सड़कों पर हाल बेहाल हैं। 

खाद्य सुरक्षा के मोर्चे पर देश को अग्रणी बनाने वाले किसान आज सरकार की जिद्द के आगे पराजित, अपमानित व प्रताड़ित हो रहे हैं। जिस कृषक वर्ग ने देश में हरित क्रांति लाकर दुनिया में भारत का परचम बुलंद किया आज उन्हीं किसानों को देश की सरकार ने सड़कों पर ला खड़ा किया है। किसानों को दरिद्र, लाचार, बीमार व कर्जदार बनाने के गुनाह में इस देश की जनता सरकार को कतई माफ नहीं करेगी। किसानों की आमदन को दुगना करने की दुहाई देने वाली सरकार का सच यह है कि इस सरकार के राज में किसान सबसे ज्यादा बर्बाद हुआ है। सरकार किसान को भिखमंगा बनाने पर अमादा है। महिनों से सड़कों पर ठंड से ठिठुर और मर रहे किसानों को सरकार लगातार अपमानित व कुंठित कर रही है। बेशक सत्ता के सरूर और गरूर में सरकार इस वर्ग द्वारा दिए गए जनादेश के दम पर किसानों को बर्बाद करने का मनसूबा पाल बैठी है लेकिन हकुमत की इस हेकड़ी व तानाशाही की सजा बीजेपी को जरूर मिलेगी, यह निश्चित है। सरकार यह न भूले की सत्ता की अदालत से बड़ी ऊपर वाले की अदालत है जहां लाचार और बेबस किसानों की गुहार और पुकार सत्ता का सूपड़ा साफ करके ही दम लेगी।
 

prashant sharma