मुखिया-वजीरों की चौकसी के बाद भी क्रॉस वोटिंग से हिली भाजपा

Tuesday, Feb 02, 2021 - 11:09 AM (IST)

धर्मशाला (तनुज) : प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा की जिप सरदारी को लेकर सत्तासीन प्रदेश मुखिया व वजीरों की चौकसी के बीच क्रॉस वोटिंग ने भाजपा को हिला दिया है। कांगड़ा में 54 सदस्यों वाली जिला परिषद में 33 सदस्यों को एकसाथ लेकर अपने बहुमत का दावा ठोकने वाली सत्तारूढ़ पार्टी को 2 सदस्यों के बाहर जाने पर भीतरघात से भी जूझना पड़ा है। भाजपा सरकार के मुखिया और वजीरों के 33 सदस्यों के समर्थन के साथ बहुमत का दावा करने के बाद सोमवार को 31 सदस्यों का समर्थन पाना कई सवाल खड़े करता है। इतना ही नहीं अध्यक्ष पद पर 1 नोटा को चुनने वाला सदस्य भी कांग्रेस और भाजपा के लिए तलाश का बिंदु बन गया है। प्रदेश की राजनीति में विधानसभा की राह दिखाने वाले सबसे बड़े जिला कांगड़ा की विधानसभा व जिला परिषद की सीटों पर भाजपा व कांग्रेस पार्टियों की नजर रहती है।

इस जिला में हॉट सीटों पर कब्जा जमाने के साथ ही दोनों ही राजनीतिक पार्टियां विस चुनावों को जीतने के लिए कुछ हद तक आश्वस्त भी होती हैं। ऐसे में इस बार कांगड़ा के चुनावों की जिम्मेदारी संभाल रहे सत्तासीन पार्टी के वन मंत्री राकेश पठानिया अपनी टीम के साथ पार्टी समर्थित सदस्यों को विजय दिलवाने को जुटे हुए थे। वन मंत्री राकेश पठानिया, उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर, वूल फेडरेशन अध्यक्ष त्रिलोक कपूर सहित अन्य नेता दावे के बहुमत को आखिरी तक एकसाथ रखने में जुटे रहे, लेकिन चुनाव के दौरान हुई क्रॉस वोटिंग ने अलग ही माहौल बना दिया। हालांकि जिला परिषद की सरदारी में भाजपा को झटका तो लगा है लेकिन कांग्रेस को भी इस चुनाव ने पाठ जरूर पढ़ाया है। कांग्रेस दिग्गजों की एकजुटता न होना भी पार्टी के लिए भारी पड़ रही है। इन चुनावों में कांग्रेस के दावों के बाद 2 सदस्यों का आना पार्टी को कुछ बूस्ट तो दे गया लेकिन जिला में वरिष्ठ नेतृत्व के बीच में चल रही खींचतान अभी भी अंदरखाते जारी है। ऐसे में कांग्रेस को आगामी चुनावों में जीत दर्ज करवाने के लिए अपनों को जीतना भी जरूरी है।
 

prashant sharma