पार्टी हाईकमान की कार्रवाई से बिफरे ज्वालामुखी भाजपा नेता

Sunday, Nov 01, 2020 - 11:27 AM (IST)

ज्वालामुखी (कौशिक) : ज्वालामुखी मंडल भाजपा और इसके मोर्चो व प्रकोष्ठों को भंग करने और मंडल से जिला भाजपा को भेजे गए भाजपा पदाधिकारियों को पद मुक्त किए जाने को ज्वालामुखी भाजपा के नेताओं ने पार्टी हाईकमान का एकतरफा व दुर्भाग्यपूर्ण कार्रवाई बताया है। भाजपा नेताओं कुलदीप शर्मा, जोगेंद्र कौशल, रामस्वरूप शास्त्री, केहर सिंह, प्रकाश राणा, हरि सिंह, विजय कुमार ने कहा की ज्वालामुखी में समानांतर संगठन खड़े करने वाले लोग क्यों अपने पदों से नहीं हटाए गए? उनको किस का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा की ज्वालामुखी मंडल में समानांतर कमेटियां गठित करने वाले लोग ही इस विवाद की असली जड़ हैं, जिन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और क्षेत्र की जनता को गुमराह करने के लिए और पार्टी को कमजोर करने के लिए समानांतर कमेटियों का गठन करवाया। जिससे कि जनता में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी। इसका ज्वालामुखी मंडल भाजपा और इसके पदाधिकारियों ने विरोध प्रकट किया। 

उन्होंने कहा कि जिसे अनुशासनहीनता का नाम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विचारधारा के लोगों को भाजपा में शामिल करके जिला और प्रदेश स्तर के ओहदे रेबड़ियों की तरह किसके शह और संरक्षण में बांटे गए। उन्होंने कहा कि जो लोग कांग्रेस के नहीं बन सके वे भाजपा के क्या बनेंगे, परंतु भाजपा के कई सालों से जुड़े निष्ठावान कार्यकर्ताओं को नीचा दिखाने के लिए कांग्रेसी विचारधारा के लोगों को बुलाकर उनको पार्टी के ऊंचे पदों पर बिठाया गया। उन्होंने कहा कि रमेश धवाला के खिलाफ चुनाव प्रचार करने वालों, सांसद किशन कपूर के खिलाफ चुनाव प्रचार करने वालों को जिला व राज्य स्तर के औहदे प्रदान किए गए। इससे भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं का न केवल मनोबल गिरा है बल्कि उन को गहरा आघात पहुंचा है। पार्टी का वफादारी से काम करने वालों को खुड्डा लाइन लगाया जा रहा है, उनको हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया जा रहा है। इससे पार्टी को भारी नुकसान पहुंच रहा है। भाजपा नेताओं ने कहा कि मोर्चा और प्रकोष्ठ में जिला और प्रदेश में जो भी लोग भेजे जाते हैं, उनका चयन पार्टी संविधान के अनुसार स्थानीय विधायक और मंडल भाजपा कार्यकारिणी करती है। 

परंतु यहां इसके विपरीत समानांतर कमेटियां गठित करके मंडल भाजपा और जनता के चुने हुए प्रतिनिधि स्थानीय विधायक रमेश धवाला को नीचा दिखाने का प्रयास किया गया। इतना ही नहीं विरोधी धड़े के लोगों ने विधायक के खिलाफ  लोगों को गुमराह कर उनको शिमला ले जाया गया और मुख्यमंत्री से विधायक की शिकायतें की गई, क्या यह अनुशासनहीनता के दायरे में नहीं आता है।  उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान नोटिस भेजकर उनका पक्ष जानती उसके बाद कार्यवाही की जाती। किसी बड़े नेता को पर्यवेक्षक बना कर यहां भेजते तो उनको सच्चाई का पता चलता। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप से मांग की है कि ज्वालामुखी में किसी बड़े भाजपा नेता को पर्यवेक्षक के रूप में भेजकर यहां की वस्तुस्थिति को समझा जाए और पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बयान दर्ज किए जाए। इसके बाद ही अगली कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के नेताओं के साथ ऐसा व्यवहार इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ है।
 

prashant sharma