बीजेपी किसानों की नहीं प्राइवेट कंपनियों की सरकार है : अभिषेक

punjabkesari.in Saturday, Sep 19, 2020 - 05:56 PM (IST)

हमीरपुर : प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने कहा है कि आखिर एक बार फिर बहुमत का दुरुपयोग करते हुए बीजेपी सरकार ने साबित कर दिया है कि वह किसी वर्ग की भी हितैषी नहीं है। कृषि से संबंधित बिल को लोकसभा में पारित करके सरकार ने महंगाई व महामारी से जूझ रहे किसानों को एक और मार मारी है। जिसको लेकर अब विपक्षी ही नहीं बीजेपी के सहयोगी भी बिलख उठे हैं। पंजाब से सांसद हरसिमरत कौर का इस्तीफा इसी अति व अत्याचार का प्रमाण है। अभिषेक ने कहा कि इस बिल में एक भी क्लॉज ऐसी नहीं है, जिससे किसानों को संरक्षण मिल पाए। सारे क्लॉज कॉर्पोरेट को लाभ देने व किसानों को एक्सपलॉयड करने की पैरवी करते हैं। यह बिल ऐसे समय में लाया गया है, जब किसानों को सरकार की सहायता, संरक्षण व सुरक्षा की बेहद जरूरत थी। लेकिन सरकार संकट की इस घड़ी में अडानी, अम्बानी व अन्य दो-चार अमीरों के पक्ष में खड़ी नजर आ रही है। 

यह अलग बात है कि सरकार के कुछ भोंपू इसे फिर ऐतिहासिक बिल बताकर जनता की आंखों में धूल झोंकने का असफल प्रयास कर रहे हैं। झूठ से शुरू हुई बीजेपी की सत्ता की सियासत अब अति और अत्याचार पर जाकर रुकने लगी है। अकाली दल जो कि बीजेपी का सबसे पुराना सियासी सहयोगी है। इस ऑर्डिनेंस के आने के बाद खुद को असहाय व बेचैन महसूस करता हुआ एक तरह से सरकार से अलग हो चुका है। देश के किसान इस बिल के खिलाफ सड़कों पर हैं, लेकिन सरकार संसद में बहुमत का दुरूपयोग करते हुए किसानों को सत्ता के जोर पर कुचल रही है। उन्होंने कहा कि इस बिल के आने के बाद देश का किसान, खेत मजदूर व छोटा दुकानदार तबाह हो जाएंगे। देश के चंद सरमायदारों को लाभ देने के लिए यह बिल बहुमत के बाहुबली की तरह पारित किया गया है। जिसमें देश के अन्नदाता को बेरहम बीजेपी ने तबाही व बर्बादी की कगार पर धकेला है। 

देश के करीब 62 करोड़ किसान-मजदूर, 250 से अधिक किसान संगठन इस बिल के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं। लेकिन अताताई सरकार इन सबके एतराज को दरकिनार करते हुए सड़कों पर किसानों को लाठियों से पिटवा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की आजीविका का अंत करने के लिए बीजेपी की सत्ता ने तीन कानून लाए हैं। जिससे निश्चित तौर पर किसान को नुकसान होगा। किसानों की सामुहिक मोल-भाव की पॉवर खत्म हो जाएगी। अनाज मंडी व्यवस्था खत्म होने के कारण राज्यों की आमदन भी खत्म होगी। मार्केट फीस, ग्रामीण विकास फंड जो ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी है। क्योंकि यह स्कीमें खेती को बढ़ावा देती हैं, वह भी खत्म होंगी। 

उन्होंने कहा कि इस वक्त देश में जो किसान के विरोध में और सरकार के पक्ष में खड़े होकर यह वकालत कर रहे हैं कि इससे किसानों को बहुत लाभ होगा, वह गलत बयानबाजी कर रहे हैं। वह संसद के अंदर सत्ता स्वार्थ के कारण झूठ बोल रहे हैं। दरअसल में बीजेपी ने फिर साबित कर दिया है कि बीजेपी किसानों की नहीं प्राइवेट कंपनियों की सरकार है। बैठक में खंड विकास अधिकारी देहरा डॉ स्वाति गुप्ता, खंड विकास अधिकारी नगरोटा सूरियाँ ओशीन शर्मा, बाल विकास परियोजना अधिकारी देहरा प्रवीण कुमार, बाल विकास परियोजना अधिकारी परागपुर जीत सिंह, सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
 


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prashant sharma

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