जब 2-2 नेताओं ने कर डाला एक ही उद्घाटन

Friday, Oct 28, 2016 - 07:49 PM (IST)

गोहर: शुक्रवार को थुनाग स्थित पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान का भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों के बड़े नेताओं ने उद्घाटन कर डाला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जहां केंद्रीय मंत्री की गैर-मौजूदगी में शिमला से वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से इस संस्थान का रिमोट से उद्घाटन किया, वहीं थुनाग में सांसद राम स्वरूप शर्मा और विधायक जयराम ठाकुर ने पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान का लोकार्पण किया।

 

सांसद राम स्वरूप ने संस्थान में पूजा-अर्चना की और रिबन काटने के साथ उद्घाटन पट्टिका का अनावरण किया। इस मौके पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों और पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े अनेक अधिकारियों ने शिरकत की। वहीं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिमला से ऑनलाइन संस्थान का उद्घाटन किया लेकिन कमजोर सिग्रल की वजह से कोई साफ नहीं देख पाया।

 

9 करोड़ रुपए की लागत से बने इस प्रशिक्षण संस्थान का नींव पत्थर धूमल सरकार के समय रखा गया था। वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री के मंडी दौरे के लिए अपना समय नहीं दिया और शिमला में ही कार्यक्रम रखवा दिया, जहां प्रोटोकॉल के तहत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री नरेंद्र तोमर की उपस्थिति में इसी भवन की रिमोट से उद्घाटन की रस्म अदा की।

 

उधर, थुनाग में प्रशिक्षण संस्थान के उद्घाटन के उपरांत जनसमूह को संबोधित करते हुए सांसद ने वीरभद्र सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार तानाशाही पर उतर आई है। पहले रखे कार्यक्रम में पंचायती राज विभाग और प्रशासन ने उनका नाम उद्घाटन पट्टिका से हटा दिया था और आनन-फानन में केंद्र से वित्त पोषित संस्थान का बिना अनुमति उद्घाटन तय कर दिया था जबकि भवन का काम अधूरा था। उन्होंने कहा कि नाम से कोई बड़ा नहीं बनता लेकिन काम से बनता है।

 

सांसद ने कहा कि जल्द पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान थुनाग के लिए वह केंद्र से 2 करोड़ रुपए का बजट और जारी करवाएंगे। इस दौरान जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पंचायती राज प्रशिक्षण केंद्र थुनाग का उद्घाटन ऑनलाइन किया है, मगर हकीकत में विधिवत रूप से इस संस्थान का उद्घाटन सांसद और सराज के विधायक ने किया है। जयराम ने कहा कि इस संस्थान और इसके भवन के लिए उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी है, मगर ऑनलाइन फट्टा लगाने से कुछ नहीं होता है।

 

बता दें कि पिछले माह इस संस्थान का उद्घाटन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के हाथों होना था, मगर विधायक जयराम ठाकुर ने काम अधूरा होने पर इसकी शिकायत केंद्र सरकार से की थी। इसके बाद केंद्र ने इस संस्थान का मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन करने पर रोक लगा दी थी।