बिलासपुर अस्पताल में नहीं स्वाइन फ्लू से निपटने के इंतजाम, शिमला भेजे जा रहे ब्लड सैंपल

Sunday, Jan 27, 2019 - 01:38 PM (IST)

बिलासपुर (प्रकाश): क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है। अस्पताल में स्वाइन फ्लू की टैस्ट सुविधा नहीं है। क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर की लैब से मरीज का ब्लड सैंपल जांच के लिए शिमला भेजा जाएगा। यानी जांच रिपोर्ट आने में कम से कम 7 दिन लगेंगे। ऐसे में यदि किसी रोगी को स्वाइन फ्लू हो जाता है तो डाक्टर को बिना जांच के रोगी का इलाज करना पड़ेगा। बिना जांच के अनुभव पर स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी का इलाज रोगी के लिए जानलेवा साबित हो सकता है हालांकि स्वास्थ्य विभाग स्वाइन फ्लू के मरीज के लिए आइसोलेशन वार्ड व आवश्यक दवा को उपलब्ध करवाने का दावा कर रहा है। 

पड़ोसी जिला ऊना व मंडी में स्वाइन फ्लू से हुई मौतों के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग सर्तक हो गया है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिला में स्वाइन फ्लू का कोई मरीज सामने नहीं आया है। लेकिन इसको लेकर विभाग को सतर्क रहने का निर्देश जारी किया गया है। चिकित्सा अधीक्षक हर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। वहीं चिकित्सा अधीक्षक बिलासपुर डा. राजेश आहलुवालिया ने बताया कि स्वाइन फ्लू एक व्यक्ति से दूरे व्यक्ति में फैलने वाली बीमारी है। मरीज को स्वाइन फ्लू की शिकायत होते ही सावधानियां बरतनी शुरू कर देनी चाहिए ताकि अन्य लोगों में न फैले। उन्होंने बताया कि सांस के रोगियों, मधुमेह रोगियों, हृदय की बीमारी वालों को, गर्भवती महिलाओं को और 5 साल से कम आयु के बच्चों को स्वाइन फ्लू का अधिक खतरा होता है।

ये हैं लक्षण

सामान्य जुखाम और 100 डिग्री तक बुखार आना, तेज सिरदर्द, अत्यधिक कमजोरी महसूस होना, भूख कम लगना, नाक से पानी बहना, गले में खरास गले में जलन, मांसपेसियों में दर्द इत्यादि स्वाइन फ्लू के लक्षण है। 

ऐसे रखें सावधानी

छींकते समय टिशू पेपर से नाक को ढकें और पेपर को दोबारा से प्रयोग न करें। हाथों को लगातार साबुन से धोते रहें। घर के दरवाजे के हैंडल आदि साफ करते रहें। जुकाम होते ही घर से बाहर न जाएं। लगातार पानी पीते रहें। फेस मॉस्क का प्रयोग करें।

 

Ekta