सड़क हादसे रोकने में बिलासपुर जिला अव्वल, 3 माह में रिकॉर्ड नहीं हुई कोई दुर्घटना

Friday, Jan 17, 2020 - 06:17 PM (IST)

बिलासपुर (मुकेश): जिला प्रशासन, परिवहन विभाग और पुलिस के संयुक्त प्रयासों की बदौलत बीते 3 माह में बिलासपुर जिला में एक भी सड़क हादसा रिकॉर्ड नहीं किया गया है, जिससे यह जिला जनजातीय जिलों को छोड़कर पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा है। वहीं वर्ष 2018-19 में भी जिला में सड़क हादसों व उनमें होने वाली मौतों का ग्राफ कम हुआ है। जिला प्रशासन वाहन चालकों को विशेष जागरूकता शिविरों में लगातार ड्राइविंग सैंस और पार्किंग सैंस का पाठ भी पढ़ा रहा है।

यातायात नियमों का स्वेच्छा से पालन कर रहे लोग

शुक्रवार को प्रैस से मिलिए कार्यक्रम में एडीशनल डीसी विनय धीमान ने जानकारी देते कहा कि जिला प्रशासन, परिवहन विभाग और पुलिस सड़क हादसों को रोकने के प्रति बेहद गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बतायाकि इन दिनों पूरे देश में आयोजित हो रहे सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान भी वाहन चालकों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विश्व स्तर पर वर्ष 2015 से 2020 तक हादसों को कम करने दिशा में कार्य किया जा रहा है और सुखद है कि हिमाचल में बिलासपुर जिला इस अभियान में सर्वप्रथम रहा है। जिला में जहां पिछले 3 वर्षों में हादसों का ग्राफ कम हुआ, वहीं पिछली तिमाही में गैर-जनजातीय जिलों में एक भी सड़क दुर्घटना रिकॉर्ड नहीं हुई। उन्होंने कहा कि हालांकि बिलासपुर जिला में 3-3 सीमैंट कारखानों के ट्रकों के अलावा अन्य वाहनों का भारी दबाव है, इसके बावजूद सड़क हादसों में कमी होने से साफ है कि लोग अब हादसों के प्रति जागरूक हो रहे हैं और यातायात नियमों का स्वेच्छा से पालन कर रहे हैं।

परिवहन विभाग ने पुलिस को दिए 15 एल्कोसैंसर

उन्होंने बताया कि उद्दंड किस्म के चालकों पर नजर रखने के लिए परिवहन विभाग ने पुलिस को 13 मोबाइल वैन और 15 एल्कोसैंसर के अलावा अन्य उपकरण भी प्रदान किए हैं। जिला में 30 दुर्घटना संभावित क्षेत्र (ब्लैक स्पॉट) चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से 17 को दुरुस्त कर दिया गया है और शेष पर कार्य चल रहा है। 3 पुलों सलापड़, चिकनी-बहल बड़ोल और सीर खड्ड के सुधारीकरण का कार्य भी प्रगति पर है। इसके अलावा प्रशासन वाहन चालकों के लाइसैंस बनाते समय भी सख्ती बरत रहा है और उनकी वीडियोग्राफी की जा रही है। स्कूली छात्रों को जागरूक करने के साथ ही विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे, वाहनों में जीपीएस और पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा चालान का सिलसिला जारी है और यह भविष्य में भी लगातार जारी रहेगा।

किसी न किसी रूप से रोड सेफ्टी से जुड़ा है प्रत्येक व्यक्ति

इस मौके पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एसके पराशर ने कहा कि रोड सेफ्टी का मकसद लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करना है। हर व्यक्ति किसी न किसी रूप से रोड सेफ्टी से जुड़ा है, चाहे वह वाहन चालक को या पैदल यात्री। जल्दबाजी, लापरवाही, ओवरस्पीड, बिना विश्राम किए वाहन चलाना, आधी रात के बाद ड्राइविंग, डिप्पर का प्रयोग न करना, नशे में या वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल करने जैसी आदतें हादसों को न्यौता देती हैं लिहाजा हर वाहन वाहन चालक को इनमें सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में केवल परिवहन विभाग ने ही यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों से 8.74 लाख रुपए जुर्माना चालान के रूप में वसूल किया है।

कर्मचारियों की समस्या से जूझ रहा एचआरटीसी

बैठक में मौजूद परिवहन निगम बिलासपुर डिपो के अधीक्षक सोहन लाल ने बताया कि बिलासपुर डिपो में एक दर्जन से अधिक बसें बुक वैल्यू पूरी कर चुकी हैं। हालांकि नियमित मुरम्मत के बाद ही उन्हें सड़कों पर उतारा जाता है। लंबे रूट की बसों की तीसरे दिन जबकि स्थानीय रूटों पर चलने वाली सभी बसों की प्रतिदिन जरूरत के मुताबिक मुरम्मत की जाती है। उन्होंने बताया कि घुमारवीं में भी निगम की वर्कशॉप है और वहां पर भी छोटी-मोटी मुरम्मत हो रही है। उन्होंने बताया कि बिलासपुर डिपो में 70 कंडक्टरों और 50 ड्राइवरों की कमी की वजह से रूटों के नियमित संचालन पर असर पड़ रहा है और मौजूदा चालक-परिचालकों को क्षमता से अधिक काम करना पड़ रहा है। 

Vijay