फिजियोथैरेपिस्ट मौत मामला, एस.पी. कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन

Monday, Oct 23, 2017 - 08:47 PM (IST)

बिलासपुर : क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में कार्यरत फिजियोथैरेपिस्ट ज्योति ठाकुर की मृत्यु के मामले की सही और निष्पक्ष जांच न होने पर गुस्साए परिजनों ने सोमवार को बिलासपुर में कैंडल मार्च किया तथा एस.पी. कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और इस मामले को सी.बी.आई. को सौंपने की मांग की। एस.पी. बिलासपुर के कार्यालय में मौजूद न होने पर परिजन भड़क गए। परिजनों को एस.पी. का करीब एक घंटा इंतजार करना पड़ा। दरअसल एस.पी. बिलासपुर अंजुम आरा किसी सरकारी कार्य से कार्यालय से बाहर थी। ज्योति ठाकुर के पिता राम चंद ठाकुर, भाई आशीष ठाकुर व माता सिमरो देवी ने बिलासपुर की स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर लक्ष्मी नारायण मंदिर से लेकर एस.पी. कार्यालय तक काले बिल्ले लगाकर कैंडल मार्च निकाला। ज्योति के भाई आशीष ठाकुर ने बताया कि डेढ़ माह हो गया है लेकिन अभी तक भी उनकी बहन की संदिग्ध अवस्था में हुई मृत्यु का खुलासा पुलिस की एस.आई.टी. नहीं कर पाई है। 

जांच को सार्वजनिक करने की भी मांग 
परिजनों ने एस.आई.टी. की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि एस.आई.टी. प्रमुख उन्हें केस को वापस लेने का दबाव बना रहे हैं, उन्हेें गलत बयान देकर गुमराह कर रहे हैं। परिजनों ने एस.पी. बिलासपुर से एस.आई.टी. द्वारा की गई जांच को सार्वजनिक करने की मांग भी की। परिजनों का कहना है कि गुडिय़ा केस में भी एस.आई.टी. ने मामले को उलझा दिया था तथा इस मामले को भी एस.आई.टी. उलझाने का ही प्रयास कर रही है। गौरतलब है कि क्षेत्रीय अस्पताल में कार्यरत रही फिजियोथैरेपिस्ट ज्योति का शव उनके किराए के मकान में फंदे से लटकता हुआ मिला था। इस मौके पर अधिवक्ता प्रवेश चंदेल, अर्धनारीश्वर समाज सेवा की अध्यक्षा बिजली महंत व बिटिया फाऊंडेशन की प्रदेशाध्यक्ष सीमा सांख्यान भी मौजूद रही। एस.पी. बिलासपुर अंजुम आरा ने बताया कि परिजनों की मांग पर सी.बी.आई. से मामले की जांच करवाने के लिए प्रदेश सरकार को लिखा जाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।