केंद्र को अचानक कैसे मिल गई फोरैस्ट क्लीयरैंस : राम लाल ठाकुर

Monday, Sep 25, 2017 - 08:55 PM (IST)

बिलासपुर : हिमाचल प्रदेश राज्य योजना आयोग, क्रियान्वयन समिति एवं बीस सूत्रीय कार्यक्रम चेयरमैन व हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव राम लाल ठाकुर ने बिलासपुर में एम्स की घोषणा को लेकर जहां केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा का आभार व्यक्त किया है, वहीं इस बहुआयामी प्रोजैक्ट के लिए बिलासपुर में स्थान चुनने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का भी विशेष रूप से आभार व्यक्त किया है। राम लाल ठाकुर ने कहा कि एम्स की औपचारिकताओं को पूर्ण करवाने तथा इसे बिलासपुर के श्री नयनादेवी जी विस क्षेत्र में खोलने के लिए जितनी भी औपचारिकताएं पूर्ण हुई हैं, उसके लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जो दिलचस्पी दिखाई है वह काबिलेतारीफ है। जब यह मसला उजागर हुआ था तभी से लेकर स्वयं वह और मुख्यमंत्री इस पशोपेश में थे कि इतना बड़ा संस्थान कहां खोला जाए। 

यह मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार के दायरे में आता है 
उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं बिलासपुर के राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर यह कहा था कि 1250 बीघा भूमि कहां पर उपलब्ध हो सकती है। उस समय के तत्कालीन डी.सी. ने तुरंत अगले ही दिन श्री नयनादेवी जी विधानसभा क्षेत्र में जमीन उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया। राम लाल ठाकुर ने बताया कि कोई भी केंद्रीय संस्थान कहां खुलेगा, यह मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार के दायरे में आता है इसलिए मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत करवाते हुए बिलासपुर के कोठीपुरा में रिक्त पड़ी विभिन्न विभागों की जमीन की बात से रू-ब-रू करवाया। इस पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने तत्काल बिलासपुर के सभी कांग्रेस से संबंधित जनप्रतिनिधियों और पार्टी के पदाधिकारियों को शिमला बुलाया, जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए बिलासपुर में एम्स खोलने की स्वीकृति प्रदान की है और ठीक उसके अगले दिन प्रदेश सरकार की दिसम्बर, 2014 की कैबिनेट बैठक में श्री नयनादेवी जी विस क्षेत्र के चंगर पलासियां, राजपुरा व नोआ राजस्व गांवों में इस प्रोजैक्ट के खोलने पर अंतिम मोहर लगाई गई। 

आचार संहिता लगने के चंद दिन पहले इस तरह की घोषणा 
उन्होंने कहा कि लेकिन विधानसभा चुनाव में आचार संहिता लगने के चंद दिन पहले इस तरह की घोषणा करना क्या राजनीति से प्रेरित तो नहीं है। इसके अलावा एक और प्रश्न उठता है कि भाजपा के नेता प्रदेश सरकार पर यह आरोप लगा रहे थे कि एम्स के लिए जगह पूरी नहीं हो पा रही है या इस मामले में हिमाचल सरकार आनाकानी कर रही है तो ऐसे में अचानक क्या हो गया कि फोरैस्ट क्लीयरैंस एक दम से केंद्र सरकार को मिल गई और आचार संहिता से पहले एम्स के उद्घाटन के लिए आ रहे हैं।