बिग स्कैम मामले में अधिकारियों पर कार्रवाई से खाताधारकों को मिली कुछ राहत

Thursday, Jun 06, 2019 - 04:26 PM (IST)

अम्ब (अश्विनी): दि कटौहड़ खुर्द कृषि सेवा सहकारी सभा सीमित में हुए बिग स्कैम के मामले में विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई होने पर सभा के पूर्व प्रतिनिधियों एवं खाताधारकों को कुछ हद तक राहत मिली है। लोगों का कहना है कि सभा में जमा गरीब लोगों की खून-पसीने की कमाई को डकारने वाले संबंधित आरोपियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। गत दिनों हुई इस कार्रवाई में विभाग ने जिला निरीक्षक सहित 3 अधिकारियों को सस्पैंड किया था और इस मामले में 4 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। विभाग द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद लोगों का पैसा डकारने वालों में हड़कंप मचा हुआ है। 

गत वर्ष सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं ऊना ने सोसायटी में वर्ष 2014-15 के दौरान हुई करीब 1 करोड़ 47 लाख रुपए की कथित हेराफेरी की शिकायत पर अम्ब पुलिस में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया था लेकिन उसके बाद उस वक्त हड़कंप मच गया जब जांच में पाया गया कि कुछ खाताधारकों के लेजर (बही खाता) और कम्प्यूटर में अलग-अलग राशि दिख रही थी। 15 जनवरी, 2016 को एक ही दिन में अलग-अलग खातों (कम्प्यूटर) से 65 लाख रुपए निकले हुए पाए गए और 15 जनवरी, 2017 को विभिन्न खातों (कम्प्यूटर) से 1 करोड़ 80 लाख की राशि निकली हुई पाई गई जबकि दूसरी तरफ इन्हीं खातों के मैनुअल अकाऊंट एवं बही (लेजर) में पैसा स्थिर पाया गया।

सभा की सह सचिव शशि बाला द्वारा उक्त अनियमितताओं और कथित घोटाले को उजागर करने के बाद विभाग हरकत में आया। इस पर सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं ऊना के आदेश पर जिला अंकेक्षण अधिकारी सहकारी सभाएं ऊना रतन सिंह की अगुवाई में निरीक्षक सहकारी सभाएं बंगाणा यशवीर सिंह पर आधारित ऑडिट टीम ने सोसायटी में वर्ष 2015 से 2018 तक रिऑडिट कर करीब 4 करोड़ 98 लाख रुपए का दूसरा बड़ा घोटाला निकाला था। रिऑडिट में सभा में फर्जी ऋणदाता भी बनाए गए पाए गए थे। ऐसे कुछ केस भी पकड़े गए थे कि खाताधारकों की पासबुक में तो लोन नहीं है लेकिन सभा में उनके खातों में ऋण लिया हुआ पाया गया। सूत्रों के मुताबिक सोसायटी के 5,000 से ज्यादा सदस्य हैं। सभा के कई सदस्यों एवं खाताधारकों ने अपने खून-पसीने की सारी गाढ़ी कमाई सोसायटी में जमा करवा रखी है।

इस मामले में ग्रामीण साफ आरोप लगाते आ रहे हैं कि इतना बड़ा कथित घोटाला संबंधित विभाग के कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कथित मिलीभगत के बिना नहीं हो सकता। सवाल उठ रहे हैं कि पूर्व में हुए ऑडिट के वक्त इतना बड़ा घोटाला क्यों नहीं पकड़ा गया और सचिव को निलम्बित करने के बावजूद समय पर ही बाहर क्यों नहीं निकाला गया। इस कथित घोटाले में सबसे ज्यादा परेशान वे लोग हैं जिनका पैसा पासबुक और बही खाता (लेजर) में तो बोल रहा है लेकिन उनके लाखों रुपए कम्प्यूटर खाते से गायब हैं। पीड़ित लोग करीब एक वर्ष से आए रोज सोसायटी आ रहे हैं लेकिन यहां पर उन्हें आश्वस्त किया जा रहा कि देर-सवेर उनकी रकम उन्हें मिलकर ही रहेगी। हालांकि सभा में हुए बिग स्कैम के मामले को विधायक बलवीर सिंह धर्मशाला में हुए शीतकालीन विधानसभा सत्र में भी उठा चुके हैं।

इस बड़े घोटाले में सभा का पूर्व सचिव गत वर्ष फरार हो गया था और कुछ माह बाद पंजाब के मुकेरियां क्षेत्र में उसकी मौत हो गई थी। सवाल आज भी मुंह बाए खड़े हैं कि पुलिस में आरोपी के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज था लेकिन उसका पोस्टमार्टम तक नहीं हुआ। हालांकि मृतक का अंतिम संस्कार उसके पैतृक गांव में हुआ था। उधर, गत अप्रैल माह में मौजूदा सभा ने एक प्रस्ताव पारित कर रिऑडिट में निकले उक्त घोटाले की पुलिस में शिकायत कर रखी है। सभा के पदाधिकारियों का कहना है कि अभी तक पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है। सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं ऊना सुरेंद्र वर्मा ने जिला निरीक्षक के विरुद्ध विभाग द्वारा की गई कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि उक्त मामले में विभाग ने उसे सस्पैंड कर दिया है। डी.एस.पी. अम्ब मनोज जम्वाल का कहना है कि उक्त मामले में गत वर्ष पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले की कार्रवाई चल रही है और गत माह मिली शिकायत पर पुलिस बारीकी से जांच-पड़ताल कर रही है।

Ekta