देश के विकास में ट्रक ड्राइवरों की बड़ी भूमिका लेकिन कभी नहीं मिली मान्यता

punjabkesari.in Sunday, Jul 05, 2020 - 08:52 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र): ज्यों-ज्यों आधुनिकता की तरफ लोग बढ़ रहे हैं, इंसानियत खत्म होती जा रही है। पिछले 50 वर्षों से ट्रक ड्राइवर के तौर पर काम कर रहे बिलासपुर के बेरी के रिखी राम का कहना है कि देश के विकास में ट्रक ड्राइवरों की बड़ी भूमिका रही है लेकिन कभी इस वर्ग को मान्यता नहीं मिली। हमेशा ट्रक ड्राइवरों को हीन दृष्टि से ही देखा जाता है। सड़क पर चलते हुए गाली और अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है लेकिन लोग भूल जाते हैं कि ट्रक ड्राइवर ही विकास की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। कठिन और विपरीत परिस्थितियों के बीच ड्राइवर न केवल राशन सामग्री बल्कि हर प्रकार के मैटीरियल को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते हैं। वह हमेशा अपने ट्रक में स्टोव, कुकर और कुछ राशन सामग्री रखते हैं। जहां भी भूख लगे या कुछ समय मिले तो सड़क पर ही इनकी रसोई सज जाती है। कभी खिचड़ी तो कभी दाल-चावल बनाकर गुजारा चलाते हैं। जब से लॉकडाऊन हुआ है, रिखी राम ने एक बार भी किसी ढाबे का खाना नहीं खाया है।

1964 से ट्रक चला रहे रिखी राम

72 वर्षीय रिखी राम वर्ष 1964 से लगातार ट्रक चला रहे हैं। 8वीं तक शिक्षित रिखी राम पहले कई वर्ष तक किसी के पास ड्राइवर रहे और बाद में अपना ही ट्रक ले लिया। अब बेटे के साथ इस ट्रक को चला रहे हैं। रिखी राम कहते हैं कि पिछले करीब 25 वर्षों से जमाना बदल गया है। पहले लोगों में इंसानियत हुआ करती थी। एक-दूसरे के लोग हमदर्द थे लेकिन अब केवल पैसे की दौड़ है। कोई किसी का हमदर्द नहीं है। न मानवता और न ही दया भावना है।

नहीं बदलीं परिस्थितियां, और भी भयानक हुईं

रिखी राम के अनुसार कौन कहता है कि शिक्षा का विस्तार होने से परिस्थितियां बदली हैं। ज्यों-ज्यों आधुनिकता की तरफ हम बढ़ रहे हैं, त्यों-त्यों मानवता भी खत्म हो रही है और भ्रष्टाचार भी बढ़ रहा है। पंजाब पुलिस में भ्रष्टाचार का नंगा नाच चलता है। ट्रक ड्राइवरों को नारकीय जीवन से गुजरना पड़ता है। हर चौराहे पर उनसे रिश्वत मांगी जाती है। तंग किया जाता है। कोई परिस्थितियां नहीं बदलीं बल्कि और भी भयानक हुई हैं। यदि भ्रष्टाचार खत्म हो जाए तो यह देश आगे बढ़ सकता है।

ड्राइवरों की तरफ सरकार ने नहीं दिया ध्यान

ट्रक ड्राइवर रिखी राम का कहना है कि यदि सरकार ट्रक ड्राइवरों को छोटे सिलैंडर और अन्य सामान मुहैया करवाए तो इस वर्ग को भी बड़ी राहत मिल सकती है। जब वह कहीं सामान लेकर जाते हैं तो 3-3 दिन तक गाड़ी अनलोड नहीं होती है। ड्राइवरों के लिए कहीं कोई सुविधा नहीं है। जो वर्ग हमेशा देश के विकास में अग्रणी रहा हो, उसकी तरफ किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया है। न तो ड्राइवरों के लिए किसी प्रकार की कोई सुविधा है और न ही इस वर्ग की चिंता किसी सरकार ने अभी तक की है।


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Vijay

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