KCC बैंक को लेकर बड़ा खुलासा, आंकड़े जान रह जाएंगे हैरान

Wednesday, Feb 21, 2018 - 09:59 AM (IST)

धर्मशाला (जिनेश): कांगड़ा केंद्रीय सहकारी (केसीसी) बैंक सीमित की बांचों के प्रबंधकों द्वारा लोन की रिकवरी पर ध्यान न देने के चलते बैंक का एन.पी.ए. और बढ़ सकता है और ये 22 से भी अधिक जा सकता है। जानकारी के अनुसार के.सी.सी.बी. बैंक की बांचों के प्रबंधकों द्वारा उपभोक्ताओं को लोन तो दे दिया गया लेकिन रिकवरी लम्बे समय पर नहीं की गई। हालांकि बैंक प्रबंधक निदेशक के अनुसार करीब 25 करोड़ की रिकवरी कर बैंक प्रबंधन एन.पी.ए. को 16.25 से 14.9 तक लाने में सफल रहा है, लेकिन प्रबंधन के धरातल पर मामले खंगालने की प्रक्रिया शुरू होने से कई और मामले उजागर होने की संभावना है जोकि एन.पी.ए. में दर्ज ही नहीं हुए हैं। 


बैंक के एम.डी. के अनुसार 31 मार्च, 2017 तक बैलेंस सीट के मुताबिक के.सी.सी.बी. में एन.पी.ए. के तहत 16,194 खाते थे, जिनमें 584 करोड़ रुपए रिकवरी के रूप में फंसा हुआ था। अब वर्तमान में 14,761 खाते ऐसे रह गए हैं, जिनमें बैंक प्रबंधन ने लगभग 559 करोड़ रुपए की रिकवरी करनी है। रिकवरी की रिपोर्ट समय-समय पर बैंक के पास पहुंचे, इसके लिए बैंक के 19 जोनों में मुख्यालय ने स्वयं मोर्चा संभाल लिया है और बाकायदा ए.जी.एम. व डी.जी.एम. सहित उच्चाधिकारियों को 2-2 जोन आबंटित किए गए हैं, जो हर 15 दिन के भीतर शाखा मैनेजर के साथ रिकवरी अधिकारियों से बैठक कर रहे हैं। बैंक प्रबंधन के लिए कुछेक बड़े खाताधारकों को वसूली कर पाना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं होगा। बैंक प्रबंधन की मानें तो वर्ष 2013-14 के बाद बैंक का एन.पी.ए. लगातार बढ़ा है क्योंकि अधिकांश ऋण खाते एन.पी.ए. में चले गए। 


मामले छुपाने वाले अधिकारियों पर गिर सकती है गाज 
के.सी.सी. बैंक में एन.पी.ए. मामले छुपाने वाले अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। मौजूदा समय में बैंक प्रबंधन धरातल स्तर पर छानबीन में जुट गया है और मुख्यालय के अधिकारियों को बाकायदा जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है। सभी बैंक अधिकारियों को एन.पी.ए. की पूरी जानकारी 15 मार्च तक प्रबंधन को मुहैया करवाने के निर्देश दिए हैं।  


के.सी.सी.बी. अध्यक्ष ने बुलाई बी.ओ.डी. की बैठक
कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित (के.सी.सी.बी.) की बोर्ड ऑफ डायरैक्टर (बी.ओ.डी.) की बैठक 26 फरवरी को बुलाई गई है। बैठक के लिए बैंक के प्रबंध निदेशक ने सभी सदस्यों (निदेशकों) को निमंत्रण पत्र भेज दिए हैं। इससे पूर्व भी बी.ओ.डी. की बैठक बुलाई गई थी लेकिन उस समय हिमाचल विधानसभा चुनाव के चलते लगी आदर्श आचार संहिता के चलते कोई भी फैसला नहीं लिया जा सका था। अब सरकार ने भी बी.ओ.डी. के लिए 3 सदस्य मनोनीत कर दिए हैं और ऐसे में बैंक के विकास कार्यों के संबंध में भी विचार-विमर्श के साथ-साथ फैसले लिए जा सकते हैं। के.सी.सी.बी. के अध्यक्ष जगदीश सिपहिया ने कहा कि उनके द्वारा बी.ओ.डी. की बैठक बुलाई गई है जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा मनोनीत किए गए सदस्यों को सम्मानित किया जाएगा।