SDM की खनन माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, हजारों टन रेत-बजरी का स्टॉक सीज

Tuesday, Jul 10, 2018 - 03:06 PM (IST)

नेरचौक (हरीश): प्रशासनिक टीम ने खनन माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए रेत-बजरी व फिल्टर का स्टॉक सीज किया है। टीम द्वारा यह कार्रवाई विभिन्न स्थानों पर की गई। इस दौरान प्रशासनिक टीम ने लगभग आधा दर्जन विभिन्न प्रकार के वाहनों के चालान काटे व कुछ वाहनों को पुलिस ने कब्जे में भी लिया है जिनमें ट्रैक्टर व टिप्पर शामिल हैं। प्रशासन की ओर से यह कार्रवाई एस.डी.एम. नेरचौक, खनन व पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा की गई। एस.डी.एम. नेरचौक किशोरी लाल की अध्यक्षता में खनन माफिया के खिलाफ  की गई इस कार्रवाई को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था।


एस.डी.एम. नेरचौक किशोरी लाल ने लगभग 12 बजे जिला खनन अधिकारी को फोन कर अपने कार्यालय बुलाया। खनन अधिकारी राकेश कालिया जब एस.डी.एम. कार्यालय पहुंचे तो एस.डी.एम. किशोरी लाल ने उनके साथ खनन माफिया के खिलाफ  कार्रवाई करने की रणनीति तैयार की। उसके बाद पुलिस टीम को भी मौके पर बुलाया गया। तीनों विभागों के अधिकारियों ने लगभग एक बजे खनन माफिया के खिलाफ  अपना आप्रेशन शुरू किया और लगभग एक घंटे के इस आप्रेशन में पुलिस प्रशासन व खनन विभाग की टीम ने लगभग आधा दर्जन स्थानों पर छापेमारी कर अवैध रूप से स्टॉक की गई रेत-बजरी अपने कब्जे में ली जिसे पुलिस के हवाले किया गया है। इस कार्रवाई व टीम के मौके पर पहुंचने से विभिन्न स्थानों पर अवैध खनन में जुटे लोग अपने औजार, ट्रैक्टर व टिप्पर इत्यादि छोड़कर मौके से फरार हो गए। प्रशासन की इस कार्रवाई से खनन माफिया में हड़कंप मचा हुआ है।


नीलामी करने का लिया निर्णय
खनन माफिया के खिलाफ  की गई इस कार्रवाई के दौरान टीम द्वारा सीज किए गए लगभग 15,000 टन रेत-बजरी के भंडारों की आगामी गुरुवार को विभिन्न स्थानों पर नीलामी करने का भी निर्णय लिया गया है।


लोगों ने कहा-रात को होता है खनन
प्रशासनिक टीम की इस कार्रवाई के दौरान मौके पर कुछ प्रभावित लोगों ने टीम को बताया कि शाम 5 बजे के बाद खनन माफिया द्वारा जे.सी.बी. मशीनें लगाकर अवैध खनन को अंजाम दिया जाता है। इसके अलावा छुट्टियों के दौरान अधिक मात्रा में खनन होता है जिससे उनकी जमीनें भी प्रभावित हो रही हैं। प्रभावित कुछ लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि अवैध तरीके से होने वाले इस खनन पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जाए ताकि किसान प्रभावित न हों।

Ekta