5 मिनट का गुस्सा तबाह कर गया 2 परिवार, एक साथ उठीं मां-बेटे की अर्थियां

Sunday, Jan 08, 2023 - 08:06 PM (IST)

सुजानपुर (अश्वनी/ब्यूरो): जमीन का हिस्सा यहीं रह गया लेकिन 5 मिनट का गुस्सा 2 परिवारों को तबाह कर गया। अगर संयम बरतते हुए पूर्व सैनिक ने आपा न खोया होता तो यह घटना न होती। हालांकि प्रदेश में यह इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है। सहनशीलता खोना व गुस्से पर कंट्रोल न होने से आत्महत्या व हत्या के मामलों में साल दर साल बढ़ौतरी हो रही है जोकि चिंता का विषय बनता जा रहा है। 

...तो खुशहाली का जीवन जी रहे होते दोंनो परिवार
हमीरपुर जिले के सुजानपुर थाना के तहत पड़ते बीड़ गांव में हुए गोलीकांड के इस मामले ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। आखिर जमीन के एक भूखंड के लिए 2 परिवारों में चली तनातनी का इस तरह दुखद अंत होगा, ऐसा किसी ने भी सोचा नहीं था। हैरत है कि जमीन के लिए 2 परिवारों के बीच सालों से आए दिन लड़ाई-झगड़ा होना आम बात हो गई थी तथा मामला पंचायत, पुलिस थाना से लेकर प्रशासन के द्वार पहुंचता था लेकिन कोई भी अपने स्तर पर इस मामले को शांत नहीं करवा पाया। अगर पंचायत या संबंधित सरकारी अमले ने थोड़ी-सी भी इस मामले की संजीदगी समझी होती तो नौबत यहां तक नहीं पहुंचती और दोनों परिवार खुशहाली का जीवन जी रहे होते। 

बगेहड़ा पंचायत के श्मशानघाट में हुआ अंतिम संस्कार
रविवार को मां व बेटे की अर्थियां एक साथ उठीं तो माहौल गमगीन हो गया। बंदूक की गोली से मारे गए मां-बेटे के शवों का रविवार की शाम करीब 6 बजे बगेहड़ा पंचायत के श्मशानघाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। बताते चलें कि बीते शुक्रवार की देर शाम को बगेहड़ा पंचायत के बीड़ गांव में जमीनी विवाद के चलते पूर्व सैनिक चंचल सिंह जम्वाल ने विमला देवी व उसके बेटे कर्ण कटोच को गोली मार दी थी। इस गोलीकांड में विमला देवी के पति अजीत कटोच व उनकी बहू ममता देवी घायल हो गए थे, जिनका इलाज मेडिकल काॅलेज हमीरपुर में हुआ। 

मां व भाई की अर्थी देख फूट-फूट कर रोया जवान अरुण
अंतिम संस्कार के दौरान अजीत कटोच का बड़ा बेटा अरुण कटोच जो आर्मी में है, रविवार शाम करीब साढ़े 4 बजे आर्मी हैडक्वार्टर लेह से छुट्टी लेकर घर पहुंचा। जब उसने अपनी माता व भाई की अर्थी को देखा तो उसकी चीखोपुकार से सारा गांव गूंज उठा। सगे-संबंधियों एवं ग्रामीणों ने उसे ढांढस बंधाया। उसके बाद हिंदू रीति-रिवाज अनुसार मां-बेटे की अर्थी को श्मशानघाट ले जाया गया, जहां पर अरुण कटोच ने अपनी माता व अपने छोटे भाई कर्ण कटोच को मुखाग्नि दी। इस दौरान बगेहड़ा पंचायत के अलावा अन्य गांवों के सैंकड़ों लोग मौजूद रहे।

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Content Writer

Vijay