भरमौरी ने लोकार्पित किया ट्राऊट मत्स्य फार्म, एंगलिंग हट की रखी आधारशिला

Friday, Jun 02, 2017 - 10:35 PM (IST)

भरमौर: मिशन फिंगरलिंग के तहत थल्ला में 4 करोड़ 8 लाख रुपए की लागत से निर्मित ट्राऊट मत्स्य फार्म का लोकार्पण वन मंत्री ठाकर सिंह भरमौरी ने किया। फार्म का शुभारंभ रेनवो ट्राऊट का 4 हजार बीज तथा 6 हजार एक वर्षीय ट्राऊट को संग्रहित कर किया गया। इस फार्म में प्रतिवर्ष 2 लाख ट्राऊट बीज तथा 8 मीट्रिक टन ट्राऊट का उत्पादन होगा। इस दौरान वन मंत्री ने कहा कि साढ़े 4 वर्षों में 25 करोड़ रुपए से भी अधिक धनराशि मछली बीज उत्पादन पर व्यय की गई है ताकि प्रदेश मछली बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर हो सके। उन्होंने कहा कि जहां पूरे प्रदेश में मछली उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर जनजातीय क्षेत्रों लाहौल-स्पीति, किन्नौर, पांगी व भरमौर में भी लोगों को इस व्यवसाय के प्रति प्रोत्साहित किया जा रहा है। दूरदराज डोडरा क्वार में भी इस वर्ष से ट्राऊट पालन आरंभ करवाया जा रहा है। 



एंगलिंग हट की रखी आधारशिला
इसके बाद वन मंत्री ने लगभग 69 लाख रुपए की लागत से बनने वाले आधुनिक एंगलिंग हट की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि सरकार एंगलिंग टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि बुद्धिल नाला व बुद्धिल जलाशय में ब्राऊन ट्राऊट मछलियों का बीज डाला जाएगा ताकि एंगलर मत्स्य आखेट का आनंद ले सकें। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों सहित कांग्रेस कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे। इसके उपरांत भरमौर विश्राम गृह में हि.प्र. भवन एवं निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की कामगार कल्याण योजना के तहत भरमौर तहसील की 26, हिवडा गांव की 14 व गैहरा की 24 पंजीकृत महिला कामगारों को वाशिंग मशीनें वितरित की गईं।  

एक्वेरियम हाऊस व म्यूजियम सैंटर पर खर्च किए जा रहे 71 लाख रुपए
इस दौरान विभाग के निदेशक गुरचरण सिंह ने बताया कि वैज्ञानिक तकनीकों द्वारा मत्स्य बीज तैयार कर निजी क्षेत्र में मत्स्य पालकों को उपलब्ध करवाया जा रहा है, जिससे मछली उत्पादन के साथ-साथ रोजगार भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला चम्बा में 2 सरकारी क्षेत्र के ट्राऊट मत्स्य फार्म स्थापित किए गए हैं, वहीं निजी क्षेत्र में भांदल में ट्राऊट फार्म पट्टे पर दिया गया है, जहां पर मत्स्य पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धरवाला में एक्वेरियम हाऊस व म्यूजियम सैंटर का कार्य प्रगति पर है। इस पर 71 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। जिला भर में 101 ट्राऊट मत्स्य पालकों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाकर 138 ट्राऊट इकाइयां स्थापित की गई हैं तथा 248 तालाबों में कॉर्प प्रजाति की मछलियों का पालन किया जा रहा है।