Chamba: 134 दिनों के लिए बंद हुए उत्तर भारत के प्रसिद्ध कार्तिक स्वामी मंदिर के कपाट
punjabkesari.in Saturday, Nov 30, 2024 - 07:34 PM (IST)

भरमौर (उत्तम): उत्तर भारत के प्रसिद्ध भगवान कार्तिक स्वामी के मंदिर के कपाट शनिवार को विधिवत रूप से बंद कर दिए गए। अब अगले वर्ष बैसाखी के दिन धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करते हुए खुलेंगे। सदियों से चली आ रही इस परंपरा को निभाते हुए कार्तिक स्वामी के पुजारियों ने सैंकड़ों की संख्या में प्रदेश के विभिन्न कोनों से पहुंचे श्रद्धालुओं की उपस्थिति में कपाट बंद किए। अब यह कपाट 134 दिनों के बाद 14 अप्रैल को खुलेंगे। 134 दिनों तक मंदिर के कपाट बंद रहने वाले समय को स्थानीय भाषा में अंदरौल कहा जाता है, जिसका अर्थ एकांत है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान देवी-देवता एकांतवास में चले जाते हैं।
अपनी तपस्या में लीन हो जाते हैं। इसीलिए इस अवधि में यहां के मंदिरों में पूजा, पाठ, हवन कीर्तन तथा मंदिरों की घंटियां आदि बजाना वर्जित होता है। सभी श्रद्धालुओं का मंदिर की तरफ आना इसलिए वर्जित होता है ताकि किसी भी प्रकार के शोर शराबे से देवताओं की तपस्या या एकाग्रता में किसी प्रकार का विघन न पड़े और अगर इसमें किसी भी प्रकार का विघन पड़ता है तो वह क्षेत्र में किसी भी अनहोनी का कारण बन सकता है। इसलिए श्रद्धालुओं का मंदिर की तरफ आना वर्जित रहता है।
पुरानी परंपराओं के अनुसार मंदिर के पुजारी कपाट बंद करने से पहले एक पानी से भरा कलश मंदिर के अंदर रखते हैं। जब बैसाखी के दिन मंदिर के कपाट खोले जाते हैं तो पानी के इस कलश में पानी का स्तर बताता है कि अगले वर्ष क्षेत्र में फसलों तथा सुख समृद्धि कैसी रहेगी। अगर कलश में पानी का स्तर अधिक हो यानि कलश भरा हुआ हो तो सुख-समृद्धि एवं अच्छी फसलों का प्रतीक होता है और अगर पानी का स्तर कम हो गया हो या पानी सूख गया हो तो विभिन्न आपदाओं का अंदेशा रहता है, ऐसी मान्यता होती है।