कांग्रेस प्रायोजित भारत बंद को प्रदेश के किसानों ने नहीं किया स्वीकार : राकेश पठानिया

Wednesday, Dec 09, 2020 - 11:43 AM (IST)

धर्मशाला (ब्यूरो): वन, युवा सेवाएं और खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रायोजित भारत बंद को प्रदेश में न तो किसानों ने स्वीकार किया और न ही प्रदेश की जनता ने इसे स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि कृषि कानून पूरी तरह से किसानों के हित में है यह प्रदेश का प्रगतिशील बागवान भली भांति जानता है। वन मंत्री ने कहा कि यह किसान आंदोलन नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार की छवि को धूमिल करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ विपक्षी दलों का राजनीतिक आंदोलन है। इसे असफल कर जनता ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि प्रदेश के किसान का प्रधानमंत्री और भाजपा में पूरा विश्वास है।
उन्होंने कहा कि भारत बंद के प्रदेश में असफल होने से यह सिद्ध हो गया कि आज इन पार्टियों के नेता जनता में अपना विश्वास खो चुके हैं। विपक्षी पार्टियां किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं। पठानिया ने कहा कि पिछले कई सालों से हम सबने देखा है कि देश में कहीं पर भी कोई भी आंदोलन हो, अपना अस्तित्व बचाने के लिए विपक्षी दल उसमें कूद पड़ते हैं और अराजकता फैलाने का प्रयास करते हैं । अपना वजूद बचाने के लिए अपनी विचारधारा और अपने सिद्धांतों को छोड़कर तात्कालिक राजनीतिक लाभ के लिए मैदान में उतर आते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हर वर्ग को अपना वोट बैंक समझा पर भाजपा ने हर वर्ग के कल्याण का काम किया। देश में अपना अस्तित्व खो रही कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किसानों में भ्रम पैदा कर रही हैं। मंत्री ने कहा कि कृषि सुधार कानून पूरी तरह से किसान हितैषी और उनको खुशहाली के मार्ग पर ले जाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि नए कृषि सुधार कानूनों से किसानों के जीवन में समृद्धि आएगी। किसी भी विवाद की स्थिति में उसका निपटारा 30 दिवस में स्थानीय स्तर पर करने की व्यवस्था है। कृषि करार के माध्यम से बुआई से पूर्व ही किसान को उसकी उपज के दाम निर्धारित करना। बिजाई से पूर्व किसान को मूल्य का आश्वासन, दाम बढऩे पर न्यूनतम मूल्य के साथ अतिरिक्त लाभ, पूर्व में ही मूल्य तय हो जाने से बाजार में कीमतों में आने वाले उतार-चढ़ाव का किसान पर इसका प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

Rajneesh Himalian