भंगवार मामला: टांडा अस्पताल ने भी महिला को भर्ती करने से कर दिया था इंकार

Saturday, May 15, 2021 - 01:35 PM (IST)

धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में एक फोटो काफी वायरल हुआ था, जिसमें एके युवक अपनी मां का शव कंधे पर उठाकर ले जा रहा था। जिले के भंगवार पंचायत के मामले में अब एक नया खुलासा हुआ है। जिले में ग्रामीणों के इंकार के बाद मां के शव को अकेले ही बेटा श्मशानघाट ले गया था। बताया जा रहा है कि इससे पहले, टांडा मेडिकल कॉलेज ने भी महिला को अस्पताल में भर्ती करने से इंकार कर दिया था। महिला को इसके बाद घर ले जाया गया, जहां 24 घंटे में गुरुवार को महिला की मौत हो गई। इस मामले की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है और पूरा मामला हिमाचल में चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल, कांगड़ा के रानीताल के भंगवार पंचायत का यह मामला है। बताया जा रहा है कि पूरे गांव में दो ही दलित परिवार हैं। वीर सिंह भी उन्हीं में से एक हैं। वीर सिंह की मां का गुरुवार को कोरोना संक्रमण की वजह से घर पर ही मौत हो गई थी और जब उनकी मां को श्मशान घाट तक पहुंचाने के लिये सरकार-प्रशासन और समाज की ओर से कोई आगे नहीं आया तो उसने ख़ुद को संभालते हुये अकेले ही मां को कंधे पर रखकर श्मशान घाट की ओर निकल गया। 

बताया जा रहा है कि युवक की रिश्तेदारों ने भी मदद नहीं की तो परेशान और निराशा में वह शव कंधे पर उठाकर चल दिया। वीर सिंह के घर से श्मशान घाट की दूरी महज एक किमी थी। हालाकिं, गांव के कुछ लोग पहले ही आगे लकड़ियां एकत्र करने के लिए चले गए थे। वहीं, प्रधान को मामले की सूचना दी गई थी, लेकिन वह खुद कोरोना संक्रमित थे। उन्होंने हालांकि, ट्रैक्टर चालकों को मदद के लिए कहा था, लेकिन चालक ने इंकार कर दिया था. बाद में पूरा मामला सीएम तक भी पहुंचा था। 

घटनाक्रम के सामने आने के बाद कांगड़ा के जिलाधीश राकेश प्रजापति ने इस पर संज्ञान लेते हुये कांगड़ा एसडीएम से वर्चुअल मीटिंग करते हुये घटना की हर जानकारी ली। उसके बाद अपनी स्टेटमेंट जारी करते हुये कहा, कि ये वाकया बेहद शर्मसार कर देने वाला है। हम सब की मानसिकता पर ये कलंक के काले टीके की तरह है, जिसके दाग बेहद गहरे होंगे जिन्हें किसी वाशिंग पाउडर से नहीं धोया जा सकता, मगर इस घटना से सबक जरूर लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी 90 फ़ीसदी कोरोना संक्रमित मरीजों की मौतों के बाद प्रशासन की ओर से ही प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार किया गया है, मगर अब प्रशासन ने ये फ़ैसला ले लिया है कि घर पर भी अगर किसी की मौत होती है तो वहां भी प्रशासन ही कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार करेगा।

अब चाहे उसमें डीसी या एसपी को भी ही क्यों न जाना पड़े, भविष्य में ऐसी कोई तस्वीर सामने न आये इस दिशा में वो जरूर कठोर कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि समाज को भी सोचना चाहिये कि वो भी आज के दौर में इतने असंवेदनशील न बनें कि हम किसी की अंतिम यात्रा में भी अपना योगदान न दे पाएं। पूरा मामला सामने आने पर सोशल मीडिया में फोटो वायरल हो गई। हर कोई सवाल उठाने लगा कि ग्रामीणों ने ऐसा क्यों किया। कोई क्यों युवक की मदद के लिए सामने नहीं आया। रिश्तेदारों ने भी क्यों मुंह मोड़ दिया। घटना को लेकर सोशल मीडिया में लोगों ने रोष जताया और सरकार को कोसा।
 

Content Writer

prashant sharma