ऊना में बेहतर क्वालिटी का बांस उपलब्ध, बैंबू मैन योगेश शिंदे ने लगाई मोहर
punjabkesari.in Saturday, Jul 17, 2021 - 05:17 PM (IST)

ऊना (अमित शर्मा) : हिमाचल प्रदेश के भ्रमण पर निकले बैंबू मैन ऑफ इंडिया के नाम से प्रसिद्ध पुणे के प्रसिद्ध कारोबारी योगेश शिंदे ने आज प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों के साथ फील्ड में उतरकर हिमाचल में पाए जाने वाले बांस की गुणवत्ता की जांच की। इस दौरान उन्होंने हिमाचल के बांस को कमर्शियल उत्पादों के निर्माण के लिए बेहद उपयुक्त करार देते हुए हिमाचल में जल्द इसके कमर्शियल उपयोग की संभावना जताई। योगेश शिंदे ने कहा कि हिमाचल में पाए जाने वाला बांस बहुत उत्तम क्वालिटी का है। जिस तरह का बांस हमें कॉरपोरेट जगत के लिए उत्पाद तैयार करने के लिए चाहिए होता है, वह गुणवत्ता हिमाचल में मौजूद है। जिसके दम पर हिमाचली युवाओं को और स्वयं सहायता समूह को आय अर्जित करने के बेहतर अवसर प्रदान किए जा सकते हैं। साथ ही साथ बांस के उत्पादों को तैयार करने में उनकी स्किल को भी निखारा जा सकता है।
भारत के बैंबू मैन के नाम से प्रसिद्ध योगेश शिंदे ने शनिवार को प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के साथ जिला के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जिला में की जा रही बांस की खेती का भी जायजा लिया। योगेश शिंदे ने कहा कि उन्होंने हिमाचल में बांस की खेती के बारे में सुना जरूर था लेकिन यहां प्रचुर मात्रा में बांस उपलब्ध है। बांस के उत्पादों के क्षेत्र में हम युवाओं के लिए रोजगार के अच्छे अवसर पैदा कर सकते हैं। फिलहाल हिमाचल प्रदेश में आर्ट एंड क्राफ्ट के तहत बांस के उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है। आर्ट एंड क्राफ्ट के क्षेत्र में इसे बहुत ज्यादा बढ़ाया नहीं जा सकता, बहुत ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जा सकता। लेकिन ऑटोमेटेड मशीनों की स्थापना से बांस के उत्पाद तैयार करके कई लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह का बांस हमारे कारोबार में इस्तेमाल किया जाता है वह हिमाचल में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इस बात के कुछ नमूने हम साथ लेकर जा रहे हैं, जिनका महीने भर में क्षमता का पता चल जाएगा। हिमाचल में इस कारोबार को लेकर लोगों में काफी सकारात्मक रुझान है और लोग उत्साहित भी हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य हिमाचल में कोई उद्योग खोलने तक सीमित नहीं है हम यहां के युवाओं को बांस की संस्कृति के साथ जोड़ना चाहते हैं। बांस के विभिन्न उत्पादों के बारे में युवाओं को जानकारी दी जाएगी उन्हें प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा जिसके तहत एक बैम्बू विलेज को विकसित किया जाएगा।
वहीं उद्योग विभाग के महाप्रबन्धक अंशुल धीमान ने कहा कि हिमाचल में बांस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, लेकिन अभी तक हिमाचल में बांस का वैल्यू एडिशन नहीं किया जा सका था। बांस के उत्पादों को कमर्शियल उत्पाद के रूप में परिवर्तित कर बाजार में बेचने का भी प्रयास सिरे नहीं चढ़ पा रहा था। उन्होंने कहा कि योगेश शिंदे ने अपनी औद्योगिक इकाई में बांस के ऐसे उत्पाद तैयार किए हैं जो आज कॉरपोरेट जगत की आंखों के तारे बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि योगेश शिंदे के साथ आज फील्ड में सर्वेक्षण किया गया है। योगेश शिंदे का इस क्षेत्र में जो तजुर्बा है उसका फायदा उठाकर हम जिला में भी व्यापक स्तर पर उद्योग को स्थापित कर सकते हैं, ताकि यहां के युवाओं को रोजगार प्रदान किया जा सके।
वहीं जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी संजीव ठाकुर ने कहा कि बांस को रोजगार का मजबूत साधन बनाने के लिए पिछले लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि स्थानीय युवाओं और स्वयं सहायता समूह को रोजगार उपलब्ध करवाकर उनकी आजीविका को बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि बांस उत्पादों की मार्केटिंग को लेकर बैंबू मैन ऑफ इंडिया के नाम से प्रसिद्ध योगेश शिंदे को एक परामर्शक और एक्सपर्ट के तौर पर बुलाया गया था और योगेश शिंदे के साथ आज जिला के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण काफी सकारात्मक रहा है।