ये बच्चे शिक्षा की लौ से कोसों दूर, हाथ में फूल लेकर कुछ इस तरह मांग रहे भीख

Thursday, Jul 25, 2019 - 10:16 AM (IST)

सोलन (रवीन्द्र): बचपन जो खेलकूद और स्कूलों में बीतना चाहिए वही बचपन सोलन की सड़कों पर भीख मांग रहा है। देश में सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार है लेकिन ये बच्चे शिक्षा की लौ से कोसों दूर हैं। सभी संबंधित विभागों के अधिकारी और समाजसेवा का दम भरने वाली सामाजिक संस्थाएं इससे अनजान बनी हुई हैं। गौरतलब है कि सोलन की सड़कों पर पिछले काफी समय से छोटे-छोटे बच्चे भीख मांगते हुए नजर आते हैं। कुछ बच्चों ने तो भीख मांगने का नया तरीका निकाला है, ये बच्चे हाथ में फूल लेकर गाड़ी वालों व अन्य लोगों से फूल के बदले 10 रुपए देने की मांग करते हैं। भीख न मिलने पर ये बच्चे लोगों के पीछे ही पड़ जाते हैं। दिन भर ये बच्चे अलग-अलग जगहों पर भीख मांगते हैं जबकि शाम के समय अपने माता-पिता के साथ नजर आते हैं। इन बच्चों का बचपन भीख मांगने में ही समाप्त हो रहा है।

बच्चों को देश का भविष्य भी कहा जाता है लेकिन जब बच्चे पढ़ाई से दूर रहकर भीख मांगेंगे तो देश का भविष्य कैसे उज्ज्वल होगा।इन बच्चों व अन्य भिखारियों का कोई भी रिकार्ड किसी भी विभाग के पास नहीं है। संबंधित संस्थाओं को इस बारे में बताने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। ऐसा भी नहीं कि इन बच्चों के माता-पिता श्रम करने योग्य नहीं हैं लेकिन यदि कोई इन्हें काम देने के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई की भी जिम्मेदारी ले तो भी ये काम करने को तैयार नहीं। कई बार लोग इनसे काम करने के लिए कहते हैं तो ये उनसे मांगना छोड़कर खिसक जाते हैं।

पार्क के माली परेशान

ये बच्चे फूल देकर लोगों से पैसों की मांग करते हैं, जिससे उन्हें लगे कि ये फूल बेचकर पैसे मांग रहे हैं लेकिन इन्होंने इसे भीख मांगने का नया तरीका बना लिया है। सोलन के पार्कों में भी लोगों को ये बच्चे परेशान करते हैं। सोलन के चिल्ड्रन पार्क में लगे फूल भी ये बच्चे तोड़ देते हैं और लोगों के सामने भीख मांगने के लिए पेश करते हैं। माली द्वारा लगाई गई फूल की क्यारियों को इन बच्चों ने तोड़कर नष्ट कर दिया।

सोलन में नहीं बैगर्स होम

बैगर्स एक्ट के तहत रैस्क्यू किए गए बैगर्स के लिए सोलन में कहीं भी बैगर्स होम नहीं है। भिखारी बच्चों को रैस्क्यू करने के बाद अन्य बच्चों के साथ नहीं रखा जा सकता है। इसके लिए बैगर्स होम होना जरूरी है लेकिन यहां कहीं भी बैगर्स होम नहीं है।

 

kirti