ऊना से पहले शातिरों ने मानसा में किया था फर्जीवाड़ा, 6 माह बाद हुए थे अरैस्ट

Thursday, Oct 11, 2018 - 04:49 PM (IST)

ऊना : ऊना से पहले पंजाब के मानसा में भी हजारों लोगों को मैसेज फर्म बनाकर करोड़ों रुपए की ठगी को अंजाम दिया जा चुका है। मानसा में वर्ष 2012 में हुई इस धोखाधड़ी के मामले में पंजाब पुलिस ने मोहित और विजय को नामजद किया था। यह खुलासा ऊना पुलिस द्वारा की जा रही मैसेज फर्म फ्रॉड केस की जांच-पड़ताल के दौरान हुआ है। जांच में पता चला है कि वर्ष 2012 में इस प्रकार की बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने ऊना में इसी को दोबारा से अंजाम देते हुए हजारों लोगों के करोड़ों रुपए डकार लिए हैं।

मानसा में धोखाधड़ी को अंजाम देने के बाद आरोपी भूमिगत हो गए थे और मानसा पुलिस ने मामला दर्ज करने के 6 महीने बाद दोनों को अरैस्ट किया था। पुलिस ऊना में हुए इस फर्जीवाड़े में कड़ी से कड़ी को जोड़ते हुए मानसा तक जा पहुंची है और वहां पंजाब पुलिस से रिकार्ड भी ऊना पुलिस ने हासिल कर लिया है। फर्म फ्रॉड मामले में ऊना पुलिस ने आरोपियों मोहित और विजय के परिवार के साथ कई दौर की पूछताछ की है। दोनों के पारिवारिक सदस्यों को ऊना थाना तलब किया गया है और उनसे आरोपियों के बारे में पूछताछ की जा रही है।

हरियाणा पुलिस ने दी थी क्लीन चिटमानसा पुलिस द्वारा मोहित और विजय को अरैस्ट कर इनके खिलाफ आगामी कार्रवाई अमल में लाई गई थी, लेकिन ऊना पुलिस की जांच के दौरान दोनों के गृह थानों में इनके किसी क्राइम के संबंध में कोई क्रिमिनल रिकार्ड दर्ज नहीं था। हरियाणा पुलिस ने उनको ऊना पुलिस की जांच के दौरा क्लीन चिट दी थी, जबकि पंजाब के दर्ज हुए मामले में भी गृह थाना में रिकार्ड होना जरूरी होता है।

पीड़ितों को मिले न्यायबैठक में मौजूद बलजिंद्र सिंह, अनिल राणा, दीपक, अमनदीप सिंह, दविंद्र कुमार, वरिंद्र सिंह, गोल्डी, शंभु शरण गुप्ता, इकबाल सिंह, मंजीत सिंह, संजय कुमार, सरोज बाला, सत्या देवी, बख्शो देवी, बलविंद्र कौर, स्वाति चौधरी, दीक्षा, कीॢत, राहुल कुमार, मनजिंद्र सिंह और कुलदीप चंद सहित अन्यों ने कहा कि ऊना के हजारों लोगों के लाखों-करोड़ों रुपए लेकर आरोपी फर्म प्रतिनिधि फरार हुए हैं। पुलिस की जांच-पड़ताल के बीच ही तीनों आरोपी भूमिगत हो गए थे। उन्होंने कहा कि जल्द इनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए, ताकि हजारों लोगों को न्याय मिल सके।

kirti