मौसम के परिवर्तन के चलते पहले के मुकाबले इस बार हुई सेब की फसल

Saturday, Nov 18, 2017 - 02:59 PM (IST)

शिमला(राजीव) : हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रहे मौसम की तब्दीली के चलते प्रदेश के बागवान मायूस तथा परेशान है। पर्वतीय क्षेत्रों में जहां आज से 15 से 20 साल पहले की बात करें तो आठ-आठ फुट बर्फबारी होती थी तथा समय के अनुसार बारिश भी होती रहती थी परंतु जैसे-जैसे प्रदेश के जंगल कंक्रीट के जंगलों में तब्दील हुए है उसे चलते मौसम में भी परिवर्त देखने को मिल रहा है अब तो आलम यह है कि जहां आठ फिट बर्फ बढ़ती थी वहां सेंटिमित तक सिमट कर रह गई है। इसका असर न केवल फसलों तक ही सीमित रह गया है बल्कि ग्लोबल वार्मिंग में भी पड़ा है। जिसके चलते मौसम में तब्दीली आई है। जिसके चलते आज आम जनमानस के साथ-साथ प्रदेश के बागवान भी परेशान है।



सेब की फसल पर भारी प्रभाव 
मौसम के इस बदलाव के कारण हिमाचल में इस बार सेब की फसल पर भारी प्रभाव पड़ा है। जिसके कारण हिमाचल में सेब कम हुआ है हेमराज शर्मा निदेशक बागवानी हिमाचल प्रदेश ने जानकारी देते हुए कहा की पिछले साल के मुकाबले इस बार सेब की फसल में थोड़ी गिरावट आई है। अगर उत्पादन की बात करें तो 2016 में सेब का 4 लाख 68 हजार 134 मीट्रिक उत्पादन हुआ था। 2017 में यह होकर 3 लाख 99 हजार 086 मीट्रिक टन पर आ गया। पेटियों में देखे तो इस बार 2 करोड़ से भी कम पेटियां बाजार में पहूुंची है। क्योंकि इस बार खराब मौसम के कारण सेब का उत्पादन हुआ और अभी तक जो आंकड़ा है वह एक करोड़ 99 लाख 54 हजार पेटियां बाजार में पहुंची हैं। बता दें कि 2010 में अब तक सबसे अधिक सेब उत्पादन हिमाचल में हुआ है। उस वर्ष यहां पर 8 लाख 92 हजार 112 मीट्रिक टन (4 करोड़, 46 लाख 5 हजार 600 पेटियां) उत्पादन हुआ था।

पिछले कुछ सालों में मौसम ठीक नहीं रहा
इसके बाद से उत्पादन में कमी ही रही है। बागवानी विभाग के निदेशक हेमराज शर्मा ने कहा कि सेब की पैदावार मौसम पर काफी निर्भर करती है। इस कारण फसल कभी ज्यादा तो कभी कम होती है। उनका कहना था इस बार अभी तक एक करोड़ 99 लाख से ज्यादा सेब की पेटियां राज्य से बाहर जा चुकी हैं और अभी कुछ रिकॉर्ड आना बाकी है। उनका कहना था कि बगीचे पुराने से भी सेब की पैदावार पर असर हुआ है। बागवान कहते हैं कि पिछले कुछ सालों में मौसम ठीक नहीं रहा है। सेब पर मौसम की मार पड़ी है। फ्लावरिंग के समय मौसम खराब रहने पर ही फसल टूट जाती है और कई इलाकों में ओलावृष्टि से सेब की फसल खराब हुई। इस वर्ष मौसम की मार फ्लावरिंग से लेकर ही खराब रहा और बाद में ओलावृष्टि ने रही सही कसर पूरी कर ली।