BBMB मामला कंटैंप्ट ऑफ कोर्ट करेगा हिमाचल!

Wednesday, Jul 11, 2018 - 01:46 PM (IST)

शिमला: भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) से हिस्सेदारी न मिलने के मामले में चारों ओर से मायूसी हाथ लगने के बाद राज्य सरकार न्यायालय की अवमानना का मामला दायर करने पर विचार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी बी.बी.एम.बी. हिमाचल की 3996 करोड़ की हिस्सेदारी देने को तैयार नहीं है जबकि राज्य सरकार साल 2011 से पहले की बकाया राशि का एकमुश्त नकद भुगतान करने के बजाय एरियर के बदले बिजली देने का भी बी.बी.एम.बी. के सामने प्रस्ताव रख चुका है। 


हिमाचल के इस प्रस्ताव पर भी बी.बी.एम.बी. तैयार नहीं है। हाल ही में कुफरी में हुए ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में भी केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने हिमाचल को अब कानून में संशोधन का नया लॉलीपॉप थमाया है। उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने 27-9-2011 को हिमाचल के पक्ष में फैसला दिया और बी.बी.एम.बी. की तरफ से परिचालित विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की हिस्सेदारी 7.19 फीसदी तय की। यह हिस्सेदारी 27 सितम्बर से 2011 से प्रदेश को मिलनी शुरू हो गई है, लेकिन हिमाचल प्रदेश 2011 से पहले का एरियर चुकाने की मांग कर रहा है। 


बी.बी.एम.बी. मामले को लेकर प्रदेश सरकार की तरफ से इसमें 29-7-2013 व 7-10-2013 को हल्फनामें दायर किए गए हैं। इनके मुताबिक हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी चक्रवृद्धि ब्याज सहित 3996.97 करोड़ रुपए दर्शाई गई है, जबकि बी.बी.एम.बी. इस राशि को लगभग 2900 करोड़ बता रहा है। अभी यह मामला अटार्नी जनरल (ए.जी.) के पास विचाराधीन है। कानून के जानकारों की मानें तो ए.जी. से रूट तय होने के बाद ही राज्य सरकार न्यायालय की अवमानना का मामला दायर कर पाएगी। 

Ekta