थाटीबीड़ में मनाई फागली, अश्लील जुमलों से भगाईं बुरी आत्माएं

Monday, Jan 15, 2024 - 09:22 PM (IST)

बंजार (लक्ष्मण): कुल्लू जिला समेत मंडी सराज में फागली उत्सव का श्रीगणेश धार्मिक व वैदिक कार्यक्रमों का आयोजन कर माघ मास की संक्रांति से किया जाता है। इसी कड़ी में उपमंडल बंजार के पलदी क्षेत्र में फागली पर्व का आगाज हो गया है। सोमवार को बंजार की थाटीबीड़ और गोपालपुर पंचायत के केंद्रबिंदु थाटीबीड़ में फागली पर्व मनाया गया। यह पर्व देवता वासुकीनाग और करथा नाग तथा अन्य देवताओं को समर्पित है। इस पर्व का मकर संक्रांति की शाम को देवता की कोठी में रात भर आयोजन होता है और दूसरे दिन वाद्ययंत्रों की थाप पर विष्णु स्वरूप माने जाने वाले मंडयाले ने थाटीबीड़ में एक विशेष स्थान पर आकर देवता संग नाचते हुए और अश्लील जुमलों से क्षेत्र से बुरी आत्माओं को भगाया।

सरूली घास व मुखौटे लगाकर किया नृत्य
घाटी में विशेष लोगों ने मुखौटे लगाकर तथा सरूली नामक घास के कपड़े पहनकर इस पुरातन परंपरा का निर्वहन किया। इसके साथ समूह बनाकर घर-घर जाकर जूब दी जाती है। इस फागली उत्सव में विशेष आकर्षण लकड़ी के मुखौटे से विशेष स्थान पर भविष्य के बारे में जाना जाता है। वहीं, घास से बने हुए चोलू और हाथ में लकड़ी का झाड़ू उठाकर एक गांव से दूसरे गांव तक नृत्य करते हुए थाटीबीड़ के बड़े प्रांगण में एकत्रित हो जाते हैं और यहीं पर धूमधाम से बीठ का आयोजन होता है। बीठ के साथ नाचते हुए एक विशेष स्थान पर आकर नरगिस के फूलों से बने हुए बीठ को सामूहिक तौर पर नाटी के दौरान एक विशेष स्थान से फैंका जाता है।

बीठ ग्रहण करने से पूरी होती है मनोकामना
मान्यता है कि इस बीच बीठ को जो ग्रहण करता है उसकी मनोकामना सालभर में पूरी हो जाती है। हर वर्ष यहां पर यह कार्यक्रम देवी-देवताओं के अनुसार किया जाता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।

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Kuldeep