Watch Video: बांस के घर में ऐसे रहता है परिवार, सच्चाई जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

Wednesday, Mar 15, 2017 - 01:22 PM (IST)

पालमपुर (संजीव राणा): 21वीं सदी विकास के दावे 'बेटी है अनमोल के नारे' यह सब कुछ कांगड़ा जिला के विकास खंड भेडू-महादेव की पंचायत सिहोल के एक परिवार में तो धूल चाटते नजर आ रहे हैं। प्रदेश का सबसे बड़ा विस क्षेत्र सुलह की पंचायत सिहोल में चार सदस्यों का परिवार बांसों को काट-जोड़कर बनाए गए एक सौ वर्गफीट के ‘मकान‘ में रहता है। घर का मालिक 55 साल का मुल्तान सिंह है जो कि मनरेगा में काम मिलने पर कुछ कमा लेता है और उसकी पत्नी अनीता लोगों के घरों में काम कर रोटी का जुगाड़ करने का प्रयास कर रही है। परिवार में दो बच्चे भी हैं, बेटा विकास 10वीं और बेटी आरती 5वीं की छात्रा है। 


बच्चे पढ़ने के लिए दीये की लौ का लेते हैं सहारा
बताया जाता है कि यह परिवार जहां 3 साल से रह रहा है। यहां न बिजली का बंदोबस्त है न पानी का प्रबंध। अंधेरा होने पर बच्चे पढ़ने के लिए दीये की लौ या टार्च का सहारा लेते हैं। टार्च को चार्ज करने के लिए गांववालों के घरों के दरवाजे खटखटाने पड़ते हैं। बांस को ही चारपाई का रूप दिया गया है और उसी कमरे में ही रसोई भी है। इसके बावजूद न तो परिवार बीपीएल में शामिल है न ही सरकार से कोई मदद मिल पाई है। पंचायत भी मानती है कि परिवार की हालत खराब है और नाम बीपीएल की सूची में शामिल किया जाना है लेकिन अभी नई चुनी पंचायत में यह प्रक्रिया शुरु नहीं हो पाई है। लेकिन बड़ा सवाल यह कि इससे पहले दो साल में यह परिवार बीपीएल में शामिल क्यों नहीं किया गया। वहीं परिवार वालों ने सरकार और प्रशासन से उनकी सहायता करने की मांग की है।एसडीएम पालमपुर अजीत भारद्वाज ने कहा कि मामला अभी संज्ञान में आया है। इस पर सारी जानकारी लेकर त्वरित उचित कार्रवाई की जाएगी।