बाली बोले-बरसात से हुए नुक्सान का तुरंत मुआवजा दे सरकार

Monday, Aug 13, 2018 - 08:00 PM (IST)

कांगड़ा: प्रदेश में जगह-जगह चट्टानें खिसकने व मकान गिरने से लोगों को भारी नुक्सान का सामना करना पड़ रहा है। यह बात सोमवार को एक पत्रकार सम्मेलन में पूर्व परिवहन एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री जी.एस. बाली ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए सर्वे करवाए कि किसानों का कितना नुक्सान हुआ है। इसके साथ ही मकान गिरने से कितना नुक्सान हुआ है व उसके मुआवजे के लिए सरकार तुरंत कदम उठाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश सरकार केंद्र से एक टीम को बुलाकर उसको हालत बारे अवगत करवाए।

मुआवजा व सहायता के प्रति सरकार का ढुलमुल रवैया
उन्होंने कहा कि कुछ जगह ऐसी भी हंै जहां लोगों के सिर पर छत नहीं रही है परंतु सरकार का रवैया अभी तक मुआवजा व उनकी सहायता के प्रति ढुलमुल है। उन्होंने कहा कि जहां पर लगातार चट्टानें गिर रही हैं, वहां पर सरकार उचित कदम उठाते हुए चेतावनी बोर्ड लगाए। इसके अतिरिक्त जहां चट्टानें व पहाड़ लगातार गिर रहे हैं, वहां प्रशासन ट्रैफिक को नियंत्रण में करने के लिए कोई सिस्टम बनाए और ऐसे समय में वहां से ट्रैफिक भेजे जब कोई खतरा न हो ताकि जानमाल की हानि न हो।

जनविरोधी कदम उठा रही सरकार
उन्होंने कहा कि सरकार जनविरोधी कदम उठा रही है। जो नए इटालियन किस्म के सेबों के पौधे विश्व बैंक की सहायता से 1000 करोड़ के किसानों को दिए जा रहे हैं, उनमें कई जगह पर विरोधाभास की स्थिति बनी हुई है कि वे कामयाब नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि कुछ सालों के बाद जब वे पौधे फल देंगे तो किसान उस समय अपने को ठगा सा महसूस न करें। इसके साथ ही किसान अपना माल कंपीटीशन में बेच रहे हैं और सेब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर सेब बागवानों के लिए कुठाराघात किया है।

निकालना ही है तो क्यों लाए जा रहे नए चेहरे
पूर्व मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार पिछली सरकार के समय में लगे कुछ लोगों को निकाल रही है और उसकी जगह पर नए चेहरे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर निकालना ही है तो फिर से नए चेहरों को क्यों लाया जा रहा है, इससे कानूनी लड़ाई में सरकार को उलझना पड़ेगा और मुख्यमंत्री इस मामले को खुद जांचें।

संपर्दश से मौतों के आंकड़ों में वृद्धि
उन्होंने कहा कि संपर्दश से मौतों के आंकड़े बढ़ रहे हैं, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग बिना कोई देरी किए रोगी के पहुंचते ही इलाज शुरू करने के लिए डाक्टरों को तैयार रखे। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के पर्यटक स्थलों पर कई कांट्रैक्ट बसें चल रही हैं और इससे रूटीन में चलने वाली बसों को नुक्सान हो रहा है। उन्होंने कहा कि कई जगह बसों के टाइम टेबल में बदलाव किया गया है, अगर इससे आमदन घटी है तो इसका सीधा मतलब है कि निजी बस चालकों को फायदा हो रहा है।

Vijay