खराब मीटर न बदलने के कारण बोर्ड को करोड़ों का चूना

Friday, Sep 07, 2018 - 01:17 PM (IST)

बी.बी.एन. (शेर सिंह): हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड तकनीकी कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष मोहन लाल ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष नेकराम ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सालिग राम, उपाध्यक्ष यूसुफ खान, वित्त सचिव रणवीर ठाकुर, सचिव अनिल सकलानी, अतिरिक्त महामंत्री व प्रैस सचिव देविंद्र संधू ने यहां पर एक प्रैस बयान में विद्युत बोर्ड के प्रबंधक वर्ग पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 8 मई, 2018 को शिमला में आयोजित संघ के स्थापना दिवस में घोषणा की थी कि बोर्ड में खाली चल रहे फोरमैन के 240 पदों को एकमुश्त लाइनमैन की समयावधि 5 वर्ष करके भरा जाएगा और 115 पद एस.एस.ए. से जे.ई. (एडहॉक) सब स्टेशन, तकनीकी कर्मचारियों के 600 पद भरने और तकनीकी कर्मचारियों को मोबाइल भत्ता देने की घोषणा की थी लेकिन 4 महीने बीत जाने के बावजूद भी बोर्ड प्रबंधक वर्ग इन घोषणाओं को अमलीजामा नहीं पहना पाया है।

यह जानकारी देते हुए प्रैस सचिव देविंद्र संधू ने बताया कि संघ के पदाधिकारी जब बोर्ड प्रबंधक वर्ग से इन मांगों के बारे में बात करते हैं तो बोर्ड प्रबंधक सर्विस कमेटी व बी.ओ.डी. का रोना रोता है जबकि 2 बार यह बैठक रखी गई लेकिन इसे रद्द कर दिया गया, जिससे तकनीकी कर्मचारियों में भारी रोष है। संघ के पदाधिकारियों ने बोर्ड प्रबंधक वर्ग को 12 सितमबर का नोटिस भी दिया है और यदि इस समयावधि में उनकी मांगों को नहीं माना गया तो संघर्ष का बिगुल बजा दिया जाएगा और बोर्ड प्रबंधक वर्ग का घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड में विद्युत मीटरों की भारी कमी है और खराब मीटर न बदलने के कारण बोर्ड को करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है, जिसके लिए बोर्ड प्रबंधक वर्ग जिम्मेदार है। इसी तरह सैक्शनों में फ्यूज वायर, ग्लब्ज, सेफ्टी बैल्ट व हैलमेट आदि नहीं मिल रहे हैं, फिर भी तकनीकी कर्मचारी विद्युत आपूर्ति सुचारू चला रहे हैं और जो एच.टी. टेप खरीदी गई है, वह घटिया गुणवत्ता की है, जोकि लगाने के एक घंटे बाद ही जल जाती है। 

संधू ने कहा कि बोर्ड में कार्यरत आऊटसोर्स कर्मियों को एक समयावधि तय करके इन्हें मस्ट्रोल पर लें क्योंकि ठेकेदार इन कर्मियों का शोषण कर रहे हैं। बोर्ड स्किल्ड तकनीकी कर्मी को 12,230 रुपए व अनस्किल्ड को 8,999 रुपए देता है लेकिन ठेकेदार उन्हें 7,000 स्किलड और 6,000 दे रहे हैं। डाटा एंट्री आप्रेटर को बोर्ड 8,997 रुपए व बिल डिस्ट्रीब्यूटर को 11,230 रुपए ठेकेदार को दे रहा है लेकिन ठेकेदार उन्हें 6,500 से 8,000 रुपए तक दे रहा है, जिससे उक्त कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। 3 वर्ष की अवधि पूर्ण कर चुके तकनीकी कर्मियों को जूनियर टी मेट व जूनियर हैल्पर को तुरंत नियमित किया जाए और पहले की तरह इन्हें टी मेट व हैल्पर के पद पर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि संघ सरकार से मांग करता है कि सर्विस कमेटी व बी.ओ.डी. की बैठक जल्द बुलाकर उनकी मांगें पूरी की जाएं।
 

Ekta