दर्दनाक हादसा : अस्पताल के सैप्टिक टैंक में गिरने से अढ़ाई वर्षीय बच्ची की मौत

punjabkesari.in Friday, Jan 24, 2020 - 09:44 PM (IST)

दौलतपुर चौक (ब्यूरो): सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दौलतपुर चौक में शुक्रवार को दिल दहला देने वाले मामला सामने आया, जिसमें अढ़ाई वर्षीय बच्ची के सैप्टिक टैंक में गिरने से मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने एक ठेकेदार के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है। मृतक बच्ची की पहचान परी पुत्री भूपिंद्र सिंह निवासी डंगोह खास के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार परी के माता-पिता अस्पताल में अपने किसी रिश्तेदार का कुश्लक्षेम जानने पहुंचे हुए थे।

अस्पताल की पिछली तरफ गई और मुड़कर नहीं आई

सीसीटीवी कैमरे के अनुसार बच्ची 2 से 3 बार पहली मंजिल से नीचे अकेले भाग आई और पिता दोबारा उसे ऊपर ले आते हैं। बच्ची बार-बार नीचे आकर ऊपर जा रही थी परन्तु एक बार जब वह नीचे उतरी तो उसकी माता उसे नीचे आकर ढूंढने लगी और आनन-फानन में सारी दुकानों अस्पताल के प्रत्येक कोने, सभी वार्ड सहित सभी आसपास के घरों में ढूंढा परन्तु कोई सुराग न मिलने के बाद पुलिस को मौके पर बुलाया। वहीं पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की तो परी 3 बार ऊपर से नीचे आई जब वो तीसरी बार नीचे आई तो अस्पताल की  पिछली तरफ गई और मुड़कर नहीं आई।

सैप्टिक टैंक के कोने में अटकी मिली बच्ची

वहीं अचानक पहुंचे स्थानीय विधायक राजेश ठाकुर ने भी सभी पुलिस कर्मियों को बच्ची को ढंूढने के निर्देश दिए, जिसके चलते जिला की सभी सीमाएं सील कर दी गईं। इसी आधार पर पुलिस एवं स्थानीय लोगों ने मिलकर अस्पताल में निर्माणाधीन सैप्टिक टैंकों में देखना शुरू किया। कोई जानकारी न मिलने के पश्चात करीब 2 घंटे बाद सैप्टिक टैंक को मशीनों से साफ कराया गया तो बच्ची एक कोने अटकी हुई पाई गई। स्थानीय लोगों की सहायता से बच्ची को बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने करीब आधा घंटा उसे बचाने के प्रयास किए लेकिन साढ़े 5 बजे बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया। बच्ची का बड़ा भाई अर्नव बहन को ढूंढ रहा है तो उसकी माता कमलेश कुमारी सदमे में है।

गत्ते के साथ ढका था सैप्टिक टैंक

वहीं अस्पताल प्रशासन द्वारा सैप्टिक टैंक का कार्य निर्माणाधीन था और उक्त सैप्टिक टैंक को 108 एम्बुलैंस के छोटे से गत्ते के साथ ढका गया था जो तर्क संगत नजर नहीं आता। अब प्रश्न यह है कि उक्त घटना के लिए क्या अस्पताल प्रशासन जिम्मेदार है? क्या ठेकदार जिम्मेदार है? क्या बच्ची को इन्साफ मिलेगा?

3 दिन पहले शुरू हुआ था निर्माण कार्य

काबिलेगौर है कि 3 दिन पहले उक्त सैप्टिक टैंकों का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और उक्त टैंकों को गत्ते और टूटे हुए बोर्डों से ढका जा रहा था, जिसमें रात के समय कोई आदमी भी गिर सकता है। जहां देश में ऐसे टैंकों में कई बच्चों की मौत हो चुकी है या बड़ी मशक्कत से उन्हें निकाला गया है तो फिर इतनी बड़ी लापरवाही को पचाना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है।

पुलिस ने दर्ज किया मामला

वहीं बीएमओ एसके वर्मा ने भी मामले में लापरवाही की बात मानी और विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उधर, एसपी दिवाकर शर्मा ने मामले को दुखद बताते हुए कहा कि पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है और पुलिस ने आईपीसी की धारा 336, 304ए के तहत मामला दर्ज कर करवाई शुरू कर दी है।


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Vijay

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