B.Ed कॉलेज अब अपने स्तर पर भर सकेंगे रिक्त पड़ी सीटें, प्रबंधन को राहत

Sunday, Nov 11, 2018 - 01:51 PM (IST)

शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश में स्थित निजी बी.एड. कॉलेजों में रिक्त पड़ी सीटें अब प्रबंधन अपने स्तर पर भर सकेंगे। सत्र 2018-19 के लिए इन कॉलेजों में रिक्त पड़ी सीटों के लिए अब हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय काऊंसलिंग प्रक्रिया अमल में नहीं लाएगा और शेष रिक्त पड़ी सीटों को भरने के लिए निजी बी.एड. कॉलेजों को हरी झंडी मिल गई है। इस निर्णय से अब स्टेट कोटे के तहत रिक्त पड़ी 610 सीटों को भरने के लिए निजी बी.एड. कॉलेज प्रबंधन अपने स्तर पर प्रक्रिया अमल में लाएंगे। इसके तहत स्टेट कोटे के तहत सीटों पर प्रवेश के लिए बी.एड. की प्रवेश परीक्षा में सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 53 या इससे अधिक अंक होना जरूरी रखा गया है। 

इसके अलावा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व ओ.बी.सी. वर्ग के उम्मीदवारों के लिए बी.एड. की प्रवेश परीक्षा में 45 या इससे अधिक अंक होना जरूरी रखा गया है। इस व्यवस्था से अब किसी कारणवश काऊंसलिंग प्रक्रिया में भाग न ले पाने वाले उम्मीदवार बी.एड. में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा बी.एड. कॉलेजों में मैनेजमैंट कोटे के तहत रिक्त पड़ी सीटों को भरने के लिए प्रवेश परीक्षा की शर्त से छूट मिल गई है और बाकी शर्तें वैसी ही रहेंगी। मैनेजमैंट कोटे के तहत निजी बी.एड.कॉलेजों में 648 सीटेंं खाली हैं और इन्हें भी निजी बी.एड. कॉलेज अपने स्तर पर भर सकते हैं। 

मैनेजमैंट कोटे की सीटों पर प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को प्रवेश परीक्षा की शर्त से छूट है। यानी कि इस कोटे के तहत प्रवेश प्राप्त करने के इच्छुक उम्मीदवारों ने यदि बीते जुलाई माह में हुई प्रवेश परीक्षा नहीं भी दी है तो भी वे प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। बशर्ते उन्हें शैक्षणिक योग्यता की शर्तें पूरी करनी होंगी। इसमें सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 50 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य हैं, जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व ओ.बी.सी. वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 45 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य हैं। बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने हिमाचल प्रदेश में स्थित निजी बी.एड. कॉलेजों की करीब 7000 सीटों को भरने के लिए 2 राऊंड की काऊंसलिंग आयोजित की थी। इसके बाद भी स्टेट कोटे की 610 सीटें खाली रह गई हैं।

Ekta