आयुर्वेद विभाग ने ऐसा जुगाड़ कर डाला, ऊपरी मंजिल पर हैल्थ सैंटर तो नीचे पशुशाला

Thursday, Aug 30, 2018 - 10:38 PM (IST)

शिमला: प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आयुर्वेद विभाग द्वारा खोले गए हैल्थ सैंटर हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और वाली कहावत साबित हो रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण जिला शिमला के गांव धारचांदना में देखा जा सकता है। यहां पर विभाग ने लोगों को दिखाने के लिए आयुर्वेद हैल्थ सैंटर तो खोल दिया है लेकिन इसकी स्थिति दयनीय है। इस हैल्थ सैंटर को किसी निजी भवन में चलाया जा रहा है। हैरत तो यह है कि भवन के ऊपरी मंजिल में हैल्थ सैंटर खोला गया है और निचली मंजिल में पशुशाला है।

कभी भी गिर सकता जर्जर भवन
इस जर्जर भवन को देखकर तो यही लगता है कि यह कभी भी गिर सकता है। यहां पर मरीजों को उपचार मिलना तो दूर की बात रही विभाग द्वारा एक भवन तक नहीं बन पाया है। इस भवन की हालत देखकर तो यह लगता है कि यहां पर डाक्टर कैसे बैठ पाता होगा। लोगों को भवन को देखकर डर ही सताता है कि यह कब गिर जाए। ऐसे में लोग उपचार न करवाकर वापस घर चले जाते हैं। यहां पर सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि जब आयुर्वेद विभाग ने हैल्थ सैंटर खोले हंै तो भवन का निर्माण क्यों नहीं किया जा रहा।

अधिकतर गांवों में हैल्थ सैंटर निजी भवनों में
बताया जा रहा है कि अधिकतर गांवों में हैल्थ सैंटर निजी भवनों में ही चलाए जा रहे हैं। लोगों के विभाग पर यह सवाल उठ रहे हैं कि अगर हैल्थ सैंटर खोले हैं तो भवन बनाना भी जरूरी हैं। एक बार संैटर को स्थापित कर फिर विभाग द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि अगर हैल्थ सैंटर विभाग से नहीं चलाए जा रहे हैं तो इन्हें बंद कर देना चाहिए। इससे यह फायदा होगा कि लोग सीधे ही अस्पताल में जाकर उपचार करवाएंगे।

क्या कहते हैं अधिकारी
जिला अधिकारी आयुर्वेद तेजस्वी आजाद ने बताया कि लोकल कमेटी द्वारा यहां पर नया भवन बनाया जा रहा है। हैल्थ सैंटर को स्थापित करने के लिए विभाग ने जमीन ली है। यह काम लंबित क्यों पड़ा है, इसको लेकर कार्रवाई होगी। भवन बनाने में जो भी कमियां पेश आ रही होंगी उन कमियों को दूर करने को लेकर मामला विभाग व सरकार के ध्यान में लाया जाएगा। फिलहाल निजी भवन में हैल्थ सैंटर को चलाया जा रहा है। जल्द ही सारी कमियां दूर होंगी।

Vijay