साक्षर प्रदेश में औसतन प्रत्येक 12वां आदमी तलाश रहा रोजगार

Wednesday, May 08, 2019 - 10:04 AM (IST)

पालमपुर (ब्यूरो): साक्षर प्रदेश में लगभग औसतन प्रत्येक 12वां आदमी रोजगार की तलाश में है। पूर्ण राज्यत्व के 47 वर्ष में ही प्रदेश में बेरोजगारों की लगभग साढ़े 8 लाख की फौज तैयार हो गई है जबकि इस फौज के लिए रोजगार की खोज कोई भी सरकार नहीं कर पाई है। प्रदेश में राजकीय क्षेत्र में सिमट रही नौकरियों की संख्या तथा अन्य रोजगार के साधनों की कमी का ही परिणाम है कि प्रदेश में 8 लाख 45 हजार बेरोजगारों ने रोजगार कार्यालय में नौकरी के लिए अपना नाम पंजीकृत करवाया है। प्रदेश के सबसे बड़े कांगड़ा जनपद में यह आंकड़ा सबसे अधिक है। राज्य में साक्षरता दर इन 47 वर्षों में दोगुनी हुई है। वर्ष 1971 में प्रदेश में 15 से 34 आयु वर्ग में साक्षरता दर 46.8 जो वर्ष 2018 में लगभग दोगुनी होकर 94 प्रतिशत जा पहुंची है। वर्ष 1971 की जनगणना के अनुरूप राज्य में युवा जनसंख्या का कुल आंकड़ा 10.56 लाख था, जो वर्ष 2011 में 24.2 लाख पहुंचा। 

स्नातक स्तर के युवा सबसे ज्यादा दर्ज

अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग के अनुसार प्रदेश में स्नातक स्तर पर छात्रों का नामांकन सबसे अधिक है। इस स्तर पर यह आंकड़ा 79.3 प्रतिशत है जबकि नगरीय क्षेत्रों में 61.1 पुरुष व 21.2 महिलाएं श्रम शक्ति में वर्ष 2011-12 में शामिल रहीं तो ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 54 प्रतिशत पुरुष तथा 47 प्रतिशत महिलाओं के रूप में सामने आया। वर्ष 2011-12 के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुष और महिला की बेरोजगारी दर 1.8 प्रतिशत थी जबकि नगरीय क्षेत्रों में महिला व पुरुषों की बेरोजगारी दर 11 प्रतिशत दर्ज की गई।

कहां कितने बेरोजगार पंजीकृत

दिसम्बर 2018 की अवधि में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में 189135, मंडी में 151981, शिमला 78870, हमीरपुर 67901, ऊना 67132, सिरमौर 60268, चम्बा 59380, बिलासपुर 53361, सोलन 61370, कुल्लू 46967, किन्नौर 8807 तथा लाहौल स्पीति में 4809 बेरोजगार रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत हैं।

यहां शिक्षा के स्तर का कोई मायना नहीं

रोजगार पाने के लिए बेरोजगार किसी भी पद के लिए आवेदन से हिचकिचा नहीं रहे हैं। हाल ही में पुलिस में आरक्षियों की भर्ती में कुछ चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। भले ही इस हेतु न्यूनतम योग्यता जमा 2 निर्धारित थी परंतु लगभग साढ़े 900 आरक्षियों के दस्ते में आधे से अधिक स्नातकोत्तर तथा स्नातक उत्तीर्ण थे। यही नहीं 30 ने एम. टैक, 42 ने एम.एससी., 64 ने बी.एससी., 80 ने बी.टैक. स्तर तक शिक्षा प्राप्त की परंतु रोजगार प्राप्त करने के लिए उन्होंने इस अवसर को हाथ से नहीं जाने दिया।

Ekta