ऑटो वालों की मनमानी, नहीं माने आर.टी.ओ. के आदेश

Thursday, Jun 27, 2019 - 09:51 AM (IST)

सोलन : शहर में ऑटो यूनियन द्वारा अपने स्तर पर बढ़ाए गए किराए पर प्रशासन कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासनिक अधिकारी इस दिशा में केवल शिकायत मिलने पर ही कार्रवाई की बात कह रहे हैं। यदि प्रशासनिक अधिकारी चाहें तो वे स्वयं सवारी बनकर ऑटो में बैठकर स्थिति का जायजा ले सकते हैं। मंगलवार को आर.टी.ओ. द्वारा इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी करने के बावजूद ऑटो यूनियन ने बुधवार को बढ़ा हुआ किराया वसूल कर यह साबित करने की कोशिश की कि उन्हें किसी कानूनी कार्रवाई का कोई डर नहीं है।

गौरतलब है कि मंगलवार को आर.टी.ओ. ने समाजसेवी संस्थाओं व ऑटो यूनियन के सदस्यों के साथ बैठक कर निर्देश दिए थे कि प्रशासन के आगामी आदेशों तक ऑटो वाले बढ़ा हुआ किराया वसूल नहीं कर पाएंगे लेकिन बुधवार को ऑटो यूनियन ने आर.टी.ओ. के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए ज्यादा किराया वसूला। पिछले लगभग एक वर्ष से ऑटो यूनियन जिला प्रशासन से किराया वृद्धि करने की मांग कर रही थी। इसके बाद ऑटो चालकों ने मनमर्जी से किराया बढ़ा दिया था। यूनियन का कहना है कि न्यूनतम किराया पिछले 10 वर्षों से नहीं बढ़ाया गया जबकि इन 10 वर्षों में महंगाई 8 गुणा बढ़ी है। उनका कहना है कि वर्ष 2016 में जिलाधीश कार्यालय द्वारा अधिसूचना जारी की गई थी कि प्रत्येक 2 वर्ष बाद किराया वृद्धि की जाएगी। बार-बार निवेदन करने के बाद भी निर्णय नहीं लिया गया और पिछले 2 माह तक आदर्श आचार संहित का हवाला देकर रोका गया था। वर्ष 2016 में जारी की गई अधिसूचना के हिसाब से 16 जून को 3 वर्ष पूरे हो गए हैं।

सबलैट ऑटो पर भी नहीं कसा जा सकता शिकंजा

जिला प्रशासन ने कई बार ऑटो की सबलैटिंग को लेकर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं हो सका। दरअसल सत्ताधारी लोगों के भी ऑटो होने के कारण हर बार कार्रवाई से ऐसे ऑटो मालिक बच जाते हैं जिन्होंने अपने ऑटो लोगों को ठेके पर दिए हुए हैं। ऑटो ठेके पर देना भी किराया बढ़ाने का एक बड़ा कारण है।

kirti