मिंजर मेले की अंतिम संध्या में शाहिद माल्या के गानों पर झूम उठे दर्शक

Monday, Jul 31, 2017 - 02:34 AM (IST)

चम्बा: ऐतिहासिक मिंजर मेला की अंतिम सांस्कृतिक संध्या में पाश्र्व गायक शाहिद माल्या ने अपनी आवाज का जादू बिखेर कर लोगों का खूब मनोरंजन करते हुए इस शाम को अपने नाम कर लिया। अंतिम सांस्कृतिक के आकर्षण रहे शाहिद माल्या ने एक के बाद एक गीत पेश कर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। इस सांस्कृतिक संख्या में बतौर मुख्यातिथि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिरकत की। मुख्यातिथि को स्मृतिचिंह, शॉल व टोपी भेंट कर सम्मानित किया गया। इससे पूर्व मिंजर मेला की अंतिम सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत चम्बयाली लोकगायन मुसाधा से हुई।



विदेशी डांसरों ने पेश किया वैले डांस 
इसके बाद प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के लोक कलाकारों ने अपने क्षेत्र की लोक संस्कृति को अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से पेश कर लोगों को मनोरंजन किया। इसमें सुरजीत सांस्कृतिक म्यूजिकल ग्रुप के कलाकार, विशाल, प्रियंका, शिमला के कलाकार, राजू, हरेंद्र भारद्वाज चम्बा, अक्षय, विजय, अंबेदकर मिशन सोसायटी के कलाकार, तनवी डांस ग्रुप, कनिका, शिव शक्ति लोक संस्कृति दल, नितेश, सुनिता भारद्वाज, उमेश ठाकुर, फरीना शेख, तनू ठाकुर, नरेंद्र, रमेश, शिमला के अखिल म्यूजिकल गु्रप, विजय कुमार, चमन चौहान, विरेंद्र, सिरमौर के संजीव शर्मा, भावना जरियाल, सरिता शर्मा, नवदीप सचदेवा, सुरेंद्र, करण व राजीव धीमान शामिल रहे। इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर की विदेशी डांसरों ने वैले डांस पेश किया। चम्बा के हैरी ग्रोवर ने भी अपना कार्यक्रम पेश कर खूब वाहवाही लूटी। 



कलाकार के हिस्से में आए 30 से 40 सैकेंड 
अंतिम सांस्कृतिक संध्या में कलाकारों को कार्यक्रम पेश करने के नाम पर मैराथन में शामिल होना पड़ा। रविवार को कलाकारों की लिस्ट इतनी लंबी थी कि शाम 5 बजे से 8 बजे तक अपना कार्यक्रम पेश करने वाले गायकों को महज मुखड़ा गाने तक ही सीमित होना पड़ा। यानी एक कलाकार के हिस्से में 30 से 40 सैकेंड ही आए। गीतों की इस मैराथन में शामिल होकर नि:सन्देह इन कलाकारों को पैसे तो मिल गए लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं कि इस मैराथन से टैलेंट कहीं न कहीं दफन हो गया।