बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के साथ बेटी बसाओ पर भी दिया जाए ध्यान : श्री विजय चोपड़ा

Sunday, Jul 09, 2017 - 09:16 PM (IST)

पालमपुर: पंजाब केसरी पत्र समूह के प्रधान संपादक पद्मश्री विजय चोपड़ा जी ने कहा कि समाज में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के साथ बेटी बसाओ की ओर भी गंभीरता से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पारिवारिक रिश्तों में जिस प्रकार से खटास आ रही है यह समस्या समाज के समक्ष नई चुनौती खड़ी करने जा रही है। भारतीय जन सेवा संस्था पालमपुर द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ एवं वरिष्ठ नागरिक सम्मान समारोह में पद्मश्री विजय चोपड़ा जी बतौर मुख्यातिथि उपस्थित थे। समारोह की अध्यक्षता पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान सांसद शांता कुमार ने की। 



पारिवारिक खटास की घटनाओं पर लगना चाहिए अंकुश 
पद्मश्री विजय चोपड़ा जी ने कहा कि धीरे-धीरे समाज में पारिवारिक खटास की घटनाओं में वृद्धि हो रही है, ऐसे में इस पर अभी से अंकुश लगाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ समय में अथाह विकास हुआ है तथा इस सौंदर्य से परिपूर्ण प्रदेश में साक्षरता दर केरल की तर्ज पर शत-प्रतिशत जा पहुंची है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के लोग अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में तेजी से आए इस बदलाव के पीछे सरकारों का हाथ नहीं है अपितु ये लोगों तथा बुजुर्गों की कड़ी मेहनत का परिणाम है।



शांता से उठाया था गोदामों में सड़ रहे खाद्यान्न का मामला 
उन्होंने कहा कि जब शांता कुमार केंद्र में खाद्य आपूर्ति मंत्री बने तो उन्होंने गोदामों में सड़ रहे खाद्यान्न का मामला उनके समक्ष उठाया था, जिस पर शांता कुमार ने सस्ते मूल्य पर लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध करवाने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि जो कार्य उस समय हुआ वैसा कार्य न उससे पहले कभी हुआ था न उसके बाद हुआ है। उन्होंने कहा कि शांता कुमार का यही व्यक्तित्व है कि वह जो कार्य करते हैं उसे सिरे अवश्य चढ़ाते हैं। उन्होंने भारतीय जन सेवा संस्था पालमपुर द्वारा आयोजित बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ व वरिष्ठ नागरिक सम्मान के लिए संस्था की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इस प्रकार के कार्य करने की प्रेरणा लोगों तथा विभिन्न संस्थाओं को देते हैं।



विकास के लिए लोगों तथा संस्थाओं को आना होगा आगे : शांता 
इस दौरान सांसद शांता कुमार ने कहा कि कभी राजनीति जीवन का अंग हुआ करती थी परंतु अब वह जीवन ही राजनीति का अंग बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीति से जीवन प्रभावित हो रहा है जो देश के लिए संकट है। उन्होंने कहा कि समाज का विकास सरकार की जिम्मेदारी नहीं अपितु विकास के लिए लोगों तथा संस्थाओं को भी आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि मंदिरों में लोगों को भगवान मिला या नहीं परंतु भगवान ने मनुष्य रूपी मंदिर बनाया है तथा मनुष्य की सेवा ही भगवान की सेवा है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने भी इसी ध्येय के लिए मोक्ष को छोड़कर देश व समाज की सेवा का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा कि भारतीय जनसेवा संस्था द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ व वरिष्ठ नागरिक सम्मान समारोह का आयोजन एक सकारात्मक संदेश दे रहा है।



नाबालिग छात्रा से दुराचार की घटना पर जताई चिंता
उन्होंने शिमला में नाबालिग छात्रा के साथ दुराचार की घटना पर चिंता जताते हुए सरकार से आरोपियों को पकडऩे के लिए ईनाम घोषित किए जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो वह अपनी ओर से एक लाख रुपए की धनराशि देने को तैयार हंै। समारोह में संस्था के अध्यक्ष अनिल गौड़, सचिव विजय शर्मा, पूर्व विधायक प्रवीण कुमार, सतीश करवल, विनय शर्मा, हिमांशु मिश्रा, संजीव सोनी, पार्षद गोपेश शर्मा, एम.एस. डा. विनय महाजन व मनोज सूद सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे। 



पंजाब केसरी मात्र समाचार पत्र नहीं अपितु संस्था
शांता कुमार ने कहा कि पंजाब केसरी मात्र समाचार पत्र ही नहीं अपितु एक संस्था है तथा पंजाब केसरी ने देश के लिए बलिदान दिए। उन्होंने कहा कि जब वह आपातकाल के दौरान नाहन जेल में थे तो भी जेल में चोरी-छिपे पहुंची पंजाब केसरी को पढ़ा करते थे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए पंजाब केसरी का एक महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने संस्मरण करते हुए कहा कि उनकी पुस्तकों का विमोचन करने के लिए स्वयं लाला जगत नारायण जी पालमपुर पहुंचे थे, ऐसे में पंजाब केसरी से उनका घनिष्ठ संबंध है। 



एकमात्र बेटी वाले दंपति सम्मानित
भारतीय जनसेवा संस्था द्वारा ऐसे दंपतियों का भी सम्मान किया गया जिनकी एकमात्र बेटी है। इनमें बबिता शर्मा, दीप्ति महाजन, शुचि शर्मा, ईशिता, बिटू शर्मा, रमेश कुमार, घनश्याम जम्वाल, रश्मी शर्मा, नीरू शर्मा, करण पठानिया, धीरज ठाकुर व हेमलता शामिल हैं। समारोह में लगभग 200 मेधावी छात्राओं को भी वार्षिक परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। 



वरिष्ठ नागरिक भी किए सम्मानित
संस्था द्वारा 80 या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को भी सम्मानित किया गया। इनमें बनवारी लाल डोगरा, रत्न चंद, दुनी चंद, जोगराज, धर्म चंद, जयराम चौधरी, प्यार चंद, सुखराम शर्मा, सत्या देवी, गोरख राम, जीवन मिश्रा, सुभद्रा देवी, विक्रम, रोशन लाल, प्रीतम चंद, कमला देवी, ओम प्रकाश शर्मा, जयराम वालिया, जगदीश चंद, उत्तम सिंह, राजेश्वरी देवी, हरमोहिंद्र सिंह, देवकी नंदन, माधो राम चौधरी, लेखराज महाजन, आज्ञा राम, कृष्ण लाल, मिलाप चंद कटोच, जगरूप कटोच, ठाकुर दास, होशियार सिंह, प्रकाश चंद, आशा शर्मा, जगदीश सूद, वामदेव, पुन्नू राम, लाल चंद, हरभगवान, शरण दास, धर्मपाल चतरथ, माधो राम, विशिया राम, मस्त राम, जयमल राम, शोभलू राम, दुनी चंद, विटटो राम, हरि राम, माधो राम, मस्त राम, राम चंद महाजन, मोहन सिंह, स्वराज खन्ना, शांता देवी, चुनी लाल, प्रेम व्यास, पृथी सिंह, नारायण सिंह, प्रीति चंद कटोच, जगननाथ, वासी राम, राजमल राणा, चमारू राम, दीनानाथ, झोंफी राम, कौशल्या, स्वराज कुमार बाली व हरकिशन सिंह गोयल आदि शामिल रहे।