सेब के पेड़ों पर सूली कीट का हमला, बागवानों की बढ़ी चिंता(Video)

Friday, Dec 06, 2019 - 04:02 PM (IST)

कुल्लू (मनमिंदर) : सर्दियों के मौसम में बागवानों ने बगीचों को संवारने का कार्य शुरू कर दिया हैं। तौलिये बनाते समय छुपे हुए कीटों का हमला भी पूरी तरह पौधों पर दिख रहा है। इन्हीं कीटों में सूली नामक कीट का हमला भी सेब पौधों पर साफ दिखाई दे रहा है। पौधों की जड़ों को अपना भोजन बनाकर चट कर रहा है। कई पौधे कीट के प्रकोप से कुछ अरसे बाद सूख जाते हैं। बागवानी अनुसंधान की एक रिपोर्ट के अनुसार कुल्लू जिले में 1.6 से सौ प्रतिशत तक पौधे इस बीमारी से ग्रस्त पाए हैं।

बागवानों ने कहा कि यदि बागवान एहतियात बरतें तो जड़ छेदक सूली पर पूर्ण रूप से काबू पाया जा सकता है।  सूली नामक कीट बगीचों को काफी नुकसान पहुंचा रहा है। कीड़े जड़ों को खोखला कर रहे हैं। कुछ समय बाद पेड़ सूख रहे हैं। अमूमन यह कीट पुराने बगीचों में ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। 

उधर बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ राकेश गोयल ने बताया कि जड़ छेदक कीट पर पूर्ण रूप से काबू पाया जा सकता है। ऐसे पौधों की पहचान कर उनकी जड़ों से मिट्टी हटाकर कीड़ों को मार देना चाहिए। उसके बाद डरमट, मासवान, डेनूसवान 20 ईसी कीटनाशक का घोल ग्रस्त पौधों के तौलियों में विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार डालें। मई और जून में कीट अंडे देते हैं। इस समय दवा की ड्रिचिंग तौलिए में करनी चाहिए। दवा उपचार तीन साल तक ग्रस्त पौधों के तौलिए करना जरूरी है। इससे कीडे़ पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

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Simpy Khanna