एस्ट्रोटर्फ और स्विमिंग पूल का मिट सकता है नामोनिशान

Monday, Dec 31, 2018 - 02:06 PM (IST)

ऊना : करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित हॉकी का एस्ट्रोटर्फ संकटों के बादल से घिरा हुआ है। इसके निर्माण के बाद से ही एस्ट्रोटर्फ के मैदान पर यह संकट के बादल छाए हुए हैं। दरअसल जिस स्थल पर एस्ट्रोटर्फ बनाया गया है उसके साथ की पहाड़ी लगातार दरक रही है। कई बार इस हॉकी के मैदान को बड़ी क्षति पहुंच चुकी है। जब भी बारिश होती है तो पहाड़ी का मलबा गिरकर एस्ट्रोटर्फ को नुक्सान पहुंचता है। अब एक बार फिर पहाड़ी दरकने से इस पूरे मैदान को खतरा उत्पन्न हो गया है। कहीं तेज बारिश हुई तो न केवल पहाड़ी बल्कि उसके ऊपर बनी आई.पी.एच. विभाग के पानी के स्टोरेज टैंक भी नीचे खिसकने का खतरा बना हुआ है। खेल विभाग और आई.पी.एच. भी इस मामले को लेकर पशोपेश में है।

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया था उद्घाटन

जिला मुख्यालय ऊना के इंदिरा स्टेडियम में प्रदेश की पूर्व धूमल सरकार के समय करीब 6 करोड़ रुपए की लागत से हॉकी के लिए एस्ट्रोटर्फ मैदान को निर्मित करने का ऐलान किया गया था। इसके लिए राशि भी जारी कर दी गई थी। तत्कालीन विधायक एवं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने इसे इंदिरा स्टेडियम के एक हिस्से में निर्मित करने का फैसला लिया था। इसके बाद स्वीमिंग पूल के निकट एस्ट्रोटर्फ के मैदान का कार्य आरंभ हुआ था और वर्ष 2013-14 में इसका जब कार्य मुकम्मल हुआ तो पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इसका उद्घाटन किया था।

 

सुरक्षा दीवार भी नहीं आई काम

 

लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत से मुकम्मल हुए एस्ट्रोटर्फ पर निर्माण के बाद से ही संकट के बादल मंडराए हुए हैं। कई बार यह मैदान पहाड़ी दरकने की वजह से खराब हो चुका है। भारी मात्रा में मलबा स्टेडियम के बीच आने से इसे क्षति भी हुई जिसके बाद इसके कुछ हिस्से को फिर से निर्मित करना पड़ा। काफी समय तक यह एस्ट्रोटर्फ इसी वजह से बंद भी रहा। लोक निर्माण विभाग ने एस्ट्रोटर्फ को बचाने के लिए पहाड़ी के पास सुरक्षा दीवार भी लगाई लेकिन बरसात के दौरान सुरक्षा दीवार के साथ ही मलबा आकर फिर से एस्ट्रोटर्फ पर आ गिरा। एक हिस्सा फिर से खराब हो गया। अब खिलाड़ी इसी खराब मैदान पर खेलने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

ओवरहैड टैंक के गिरने का बना खतरा

इंदिरा स्टेडियम के साथ गवर्नमैंट कालेज ऊना की काफी जमीन है। यहां की पहाड़ी के ऊपर आई.पी.एच. विभाग ने पानी के लिए ओवरहैड टैंक का निर्माण भी किया हुआ है। पहाड़ी दरक रही है, साथ में ओवरहैड टैंक के गिरने का खतरा भी बन गया है। धीरे-धीरे पहाड़ी से मलबा नीचे आ रहा है और खतरा बना हुआ है कि यदि इसके ऊपर बनी पानी की विशालकाय टंकी सरकी तो न केवल एस्ट्रोटर्फ का नामोनिशान मिट जाएगा बल्कि करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित किए गए स्वीमिंग पूल को भी नुक्सान होगा।

एस्ट्रोटर्फ के चयन को लेकर शुरू से रहा है विवाद

वास्तव में एस्ट्रोटर्फ के चयन को लेकर शुरू से ही विवाद बना हुआ है। करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद यह अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर पा रहा है, साथ की पहाड़ी ने न केवल खिलाडिय़ों बल्कि आयोजकों का जायका भी खराब कर दिया है। जब भी यहां राज्य स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता हुई तो खिलाड़ियों को एस्ट्रोटर्फ के खराब हिस्से पर ही हॉकी के जौहर दिखाने पड़े। बिछाए गए मैट के बदरंग हो जाने एवं उस पर मिट्टी का लेप होने की वजह से काफी दिक्कतें बढ़ गई हैं। खतरा तो अभी और भी बढ़ गया है।

 

 


 

kirti