5 महत्वपूर्ण सरकारी बिल पास करने के साथ विधानसभा स्थगित

Saturday, Dec 15, 2018 - 10:56 PM (IST)

तपोवन (धर्मशाला)(सुरेन्द्र): धर्मशाला के तपोवन में 6 दिन तक चला विधानसभा का सत्र शनिवार को अनिश्चितकालीन समय के लिए स्थगित कर दिया गया। कई मायनों में विस का यह शीतकालीन सत्र काफी अहम रहा। सत्र में नशे के खिलाफ कड़ा कानून पारित करने सहित कुल 5 सरकारी विधेयक भी पास किए गए, जिनमें उच्चतर शिक्षा, गौ सेवा आयोग, चिटफंड कंपनियों तथा जी.एस.टी. से संबंधित विधेयक सहित कई अन्य महत्वपूर्ण बिल शामिल हैं। 6 दिन चले विस सत्र के दौरान 304 तारांकित तथा 92 अतारांकित पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए गए। सत्र के दौरान महत्वपूर्ण 17 मामलों पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा हुई है। धर्मशाला का यह शीतकालीन सत्र इसलिए भी अहम रहा है क्योंकि विभिन्न जनहित के विषयों पर प्रस्ताव भी पास किए गए हैं, जिनमें गौ माता को राष्ट्रीय माता, हिमाचल के युवाओं के भर्ती कोटे में वृद्धि करने सहित हिमालयन बटालियन का गठन करने सहित कई अन्य प्रस्तावों को भी पास किया गया। सत्र के दौरान सबसे अधिक चिंता और चिंतन बढ़ती हुई नशे की प्रवृत्ति पर किया गया।

विपक्ष हमलावर तो सत्ता पक्ष बचाव मुद्रा में दिखा

सत्र के दौरान सजग विपक्ष हमलावर तो सत्ता पक्ष बचाव मुद्रा में दिखा। कई मामलों को लेकर विपक्ष ने सदन का वॉकआऊट कर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कई मुद्दों पर सरकार रक्षात्मक मुद्रा में दिखी तो विपक्ष हमलावर के रूप में हावी होता हुआ दिखा। नेता विपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री पूरी तैयारी के साथ सदन में अपनी बात रखते हुए नजर आए। बड़ी बात यह रही कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह 6 दिन तक पूरा समय सदन में मौजूद रहे और पूरी कार्यवाही में उन्होंने हिस्सा लेकर अपने जज्बे का परिचय दिया।

सत्र के दौरान तीखी नोक-झोंक और हंगामा

सत्र के दौरान तीखी नोक-झोंक और हंगामा भी हुआ। कुछ शब्दों को रिकॉर्ड से निकालने के लिए आदेश भी विस अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने दिए। नोक-झोंक के बावजूद सत्ता पक्ष और विपक्ष कई मसलों पर सहमत होता हुआ नजर आया। विस अध्यक्ष ने कहा कि पक्ष और विपक्ष के सहयोग से सत्र का संचालन सही ढंग से हुआ है। उन्होंने कहा कि विभिन्न नियमों के तहत चर्चाएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में 9, 2008 में 13, 2009 में 14, 2010 में 8, 2011 में 2, 2013 में 9, 2014 में 12, 2015 में 7, 2016 में 5 तथा इस वर्ष 2018 में तपोवन में सबसे अधिक 17 मामलों पर चर्चा हुई है। प्रत्येक नियम के तहत चर्चाओं को समय दिया गया और हर किसी के एजैंडे को जगह मिली है।

Vijay