हिमाचल के सिरमौर जिला बंधुआ मजदूर जुड़वां नाबालिग बहनों से मारपीट

Wednesday, Feb 22, 2017 - 01:13 AM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें 13 साल की 2 जुड़वां बहनों को पांवटा साहिब में घर में बंधुआ मजदूर बनाकर उनसे मजदूरी करवाई गई और उनकी बुरी तरह पिटाई की जाती थी। इनमें से एक लड़की की स्थिति गंभीर है और वह इंदिरा गांधी मैडीकल कालेज शिमला में भर्ती है जबकि दूसरी लड़की भी काफी डरी हुई है। उमंग फाऊंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने यह मामला उजागर करते हुए हिमाचल प्रदेश पुलिस से मांग की है कि छोटी बच्चियों से बंधुआ मजदूरी करवाने और उनका शारीरिक व आर्थिक शोषण करने वालों के खिलाफ  तुरंत मुकद्दमा दर्ज किया जाए। 

सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक करवाया जाता था काम 
अजय श्रीवास्तव ने कहा कि बद्री राम निवासी गांव मसरा जिला शिमला, तहसील कुपवी ने कहा कि 11 महीने पहले रोहनाट जिला सिरमौर का एक व्यक्ति उनके पास आया और कहा कि वह अपनी धर्म बहन के पास दोनों जुड़वां बच्चियों को पढ़ाई के लिए भेजना चाहता है। अत्यंत निर्धन परिवार के पिता ने बच्चियों को उसके साथ पांवटा साहिब भेज दिया, जहां उन्हें पढ़ाई करने की बजाय घर में बंधुआ मजदूरी में लगा दिया गया। उनमें से एक बच्ची ने फाऊंडेशन के अध्यक्ष को बताया कि सुबह दोनों बहनों को 5 बजे उठा दिया जाता था और 11 बजे रात तक काम करवाया जाता था। उन्हें कभी भी कोई मजदूरी नहीं दी गई। पिछले 11 महीने के दौरान उनके पिता से फोन पर बात नहीं करवाई गई। रोज मारपीट की जाती थी और भरपेट खाना भी नहीं दिया जाता था। 

ठीक से बातचीत भी नहीं कर पा रही लड़की
बद्री राम ने बताया कि 16 तारीख को उनके पास उस महिला का फोन आया, जहां 2 दोनों जुड़वां बहनें काम करती थीं। उस महिला ने कहा कि आप तुरंत आ जाएं एक बेटी काफी बीमार है और उसको देहरादून में भर्ती करवाया गया है। वह उधार लेकर टैक्सी से वहां गया और उसके बाद बस से देहरादून पहुंचा। वहां वह एक बच्ची की हालत देख कर हैरान रह गया। उसके साथ 16 फरवरी को उसकी मालकिन ने पांवटा में बुरी तरह मारपीट की थी फिर दूसरों से मदद लेकर वह उसको इंदिरा गांधी मैडीकल कालेज शिमला लाया, जहां शिशु रोग विभाग में उसको भर्ती कर लिया गया और इलाज चल रहा है। वह लड़की ठीक से बातचीत भी नहीं कर पा रही है और काफी डरी हुई है तथा दोनों बच्चियां अपनी उम्र 13 साल बताती हैं।