आशा वर्कर्ज यूनयिन (एटक) ने CMO को सौंपा ज्ञापन, उठाई ये मांग

Saturday, Dec 22, 2018 - 11:01 PM (IST)

बिलासपुर: आशा वर्कर्ज यूनियन (एटक) ने सी.एम.ओ. बिलासपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक मांग पत्र प्रेषित किया। पूर्व विधायक एवं सी.पी.आई. के वरिष्ठ नेता के.के. कौशल की अगुवाई में सौंपे गए इस मांग पत्र में यूनियन ने कहा है कि आशा वर्कर्ज की नियुक्ति भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने हेतु की गई है। आशा वर्कर गांव-गांव में जाकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रही हैं।

आशा वर्करों से कई जानलेवा बीमारियों का करवाया जा रहा सर्वे

ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं को सफल बनाने में जुटी आशा वर्करों को प्रदेश सरकार श्रम कानून के तहत नहीं ले रही है। ज्ञापन में कहा गया है कि आशा वर्करों से इसके अतिरिक्त कई जानलेवा बीमारियों का सर्वे करवाया जा रहा है लेकिन उन्हें इसके बदले में कोई मेहनताना नहीं दिया जा रहा है। इस अवसर पर एटक के प्रदेश सह सचिव परवेश चंदेल, सरिता देवी, गायत्री देवी, अंजू देवी, चैनी देवी, निर्मला देवी, अम्बिका देवी, विमला देवी व जय देवी सहित कई आशा वर्कर मौजूद रहीं।

ये हैं यूनियन की मांगें

ज्ञापन में यूनियन ने हर आशा वर्कर को सरकारी कर्मचारी घोषित करने, न्यूनतम वेतनमान 18 हजार रुपए करने, हर माह आशा वर्करों की हाजिरी लगाना सुनिश्चित करने तथा इसके लिए हाजिरी रजिस्टर लगाने, आशा वर्करों को अस्पताल में किसी महिला का इलाज के लिए लेकर आने पर एक विश्राम कक्ष उपलब्ध करवाने, आशा वर्करों से डेंगू, कैंसर और टी.बी. के करवाए गए सर्वे का मेहनताना दिए जाने, आशा वर्करों को सर्वे के लिए अलग से ड्रैस दिए जाने, आशा वर्करों को प्रति माह 10 तारीख से पहले मेहनताना दिए जाने, आशा वर्करों को एक दवाई किट उपलब्ध करवाने तथा आशा वर्करों को अपना रिकार्ड रखने के लिए एक अलमारी उपलब्ध करवाने की मांग की गई है। 

Vijay