फौज से सेवानिवृत्त बुजुर्ग कर्नल ने SP को नम आंखों से सुनाई बीमार पत्नी की दास्तां

Thursday, Jul 25, 2019 - 10:44 AM (IST)

ऊना (विशाल स्याल): मेरी वृद्ध पत्नी कैंसर से पीड़ित है और वह लास्ट स्टेज पर चल रही है। वह अगले 4 महीनों में मर जाएगी लेकिन उसे पानी तक पिलाने वाला कोई नहीं है। बेटा-बहू सरकारी नौकरी पर हैं लेकिन वे जायदाद के लिए तंग कर रहे हैं। रूंधे गले से कुछ ऐसी ही व्यथा सुनाते हुए आर्मी से सेवानिवृत्त कर्नल रो पड़े। रिटायर्ड कर्नल अब रोज-रोज की झिकझिक से निजात पाने के लिए पुलिस अधिकारियों के दरवाजे खटखटा रहे हैं। एस.पी. दिवाकर शर्मा से मिलकर सेवानिवृत्त कर्नल ने नम आंखों से उन्हें अपनी व्यथा सुनाई और एस.पी. से कार्रवाई करने की अपील की। 

इस पर एस.पी. ने संबंधित क्षेत्र के एस.एच.ओ. को दोनों पक्षों को सुनने और निष्पक्षता से कार्रवाई करने के निर्देश तुरंत प्रभाव से जारी किए। बहरहाल बुजुर्ग के आरोपों की सत्यता जानने के लिए बेटे-बहू के पक्ष को भी जानने के निर्देश जारी हुए हैं ताकि निष्पक्षता से कार्रवाई हो सके। अपनी व्यथा सुनाते हुए लगभग 75 साल के बुजुर्ग ने शिकायत में कहा है कि वह कई साल पहले सेवानिवृत्त हुआ था और उसकी पत्नी अब कैंसर से पीड़ित चल रही है। उसके साथ सरकारी नौकरी कर रहे बेटा-बहू रहते हैं लेकिन वे उसे तंग कर रहे हैं। उनकी 2 बेटियां भी हैं जिनमें से एक महाराष्ट्र में रहती है जोकि यहां आकर उनकी देखभाल करती है।

जायदाद का बंटवारा करने को लेकर बेटा-बहू दबाव बनाते हैं लेकिन सेवा नहीं करते। यहां तक कि कैंसर पीड़ित उसकी पत्नी को पानी तक पिलाने से गुरेज किया जाता है। बुजुर्ग ने आंखों में आंसू लिए बताया कि वे अपने घर में सुकून से नहीं रह पा रहे हैं। कैंसर पीड़ित पत्नी भी अब परेशान हो गई है। बेटे-बहू को घर से जाने के लिए कहा जाता है तो वे चिल्लाते हैं। वे व्यवसाय और घर उनके नाम करने के लिए कहते हैं जिसके लिए उसने व उसकी कैंसर पीड़ित पत्नी ने इंकार कर दिया है। इसी को लेकर बखेड़े खड़े किए जाते हैं। उन पर मारपीट और अभद्रता के आरोप भी लगाए जाते हैं जोकि सत्यता से परे होते हैं।

काफी बुजुर्ग पहुंचते हैं पुलिस की शरण में

काफी संख्या में बुजुर्ग अपने परिवार से परेशान होकर पुलिस की शरण में पहुंचते हैं। इसी कड़ी में यह शिकायत भी पुलिस तक पहुंची है। कई मामलों में बुजुर्गों के आरोप सत्य पाए जाते हैं तो कुछ में आरोप सत्यता से परे निकलते हैं। कुछ मामलों में शिकायत में लगाए गए आरोपों से असली कहानी कहीं दूर की निकलती है। झगड़ों व पारिवारिक समस्याओं की वजह कुछ और होती हैं लेकिन आरोप कुछ और लगा दिए जाते हैं।
 

Ekta