भूटान में सेना का हैलीकॉप्टर क्रैश, सुलह का पायलट शहीद

Saturday, Sep 28, 2019 - 03:34 PM (IST)

पालमपुर/सुलह (भृगु): भूटान में भारतीय सेना के हैलीकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए भारतीय पायलट रजनीश परमार सुलह के ननाओं से संबंध रखते हैं। शहीद रजनीश परमार के माता-पिता मारंडा में रहते हैं जबकि शहीद के चाचा वेद परमार ननाओं पंचायत प्रधान हैं। शहीद रजनीश की पार्थिव देह के शनिवार को पैतृक गांव पहुंचने की संभावना है। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार अंतिम संस्कार अक्षैणा में किया जाएगा। यद्यपि पालमपुर प्रशासन को इस संबंध में कोई आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है परंतु पारिवारिक सूत्रों के अनुसार शहीद रजनीश की पार्थिव देह शनिवार को गग्गल एयरपोर्ट में पहुंचेगी, जहां से सड़क मार्ग से देह को मारंडा लाया जाएगा, जिसके पश्चात अक्षैणा में अंतिम संस्कार किया जाएगा।

ताशीगंगा पहाड़ी के पास योंगफुल्ला में क्रैश हुआ हैलीकॉप्टर

विदित रहे कि भूटान के खेंटोंगमनी हिल स्थित ताशीगंगा पहाड़ी के पास योंगफुल्ला में भारतीय सेना का चीता हैलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। भारतीय सेना से संबंधित यह हैलीकॉप्टर दुर्घटना के समय योंगफुल्ला के पास उतरने जा रहा था कि दुर्घटना घट गई। चीता हैलीकॉप्टर ने खिरमू (अरुणाचल प्रदेश) से योंगफुल्ला के लिए उड़ान भरी थी। शहीद रजनीश के चाचा वेद परमार ने बताया कि शहीद रजनीश के पिता मुख्तियार सिंह परमार भारतीय वायु सेना में कार्यरत रहे हैं जिसके पश्चात उन्होंने भारतीय रेलवे में भी सेवा कार्य किया।

दिल्ली में प्राप्त की थी शिक्षा

उन्होंने बताया कि पिता के दिल्ली में सेवारत होने के कारण रजनीश की शिक्षा दिल्ली में हुई थी। उन्होंने बताया कि शहीद की पार्थिव देह के शनिवार को पहुंचने की संभावना है तथा अंतिम संस्कार अक्षैणा में किया जाएगा। उधर, तहसीलदार पालमपुर वीपी अग्रिहोत्री ने बताया कि शहीद रजनीश के संबंध में प्रशासन को कोई आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है परंतु उनके चाचा से हुई बातचीत में यह जानकारी मिली है कि शहीद की पार्थिव देह को शनिवार को पैतृक गांव लाया जाएगा।

जन्मदिन के दिन पाई शहादत

शहीद रजनीश परमार का जन्म आज ही के दिन वर्ष 1977 में हुआ था। समूचे परिवार का भारतीय सेना से नाता रहा है। शहीद के पिता जहां भारतीय वायु सेना में कार्यरत रहे तो रजनीश परमार ने भी सेना में सेवा को प्राथमिकता दी। वहीं शहीद रजनीश के भाई निखिल परमार भी भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। शहीद रजनीश अपने पीछे माता-पिता, पत्नी हीना परमार व एक 12 वर्षीय बेटे को छोड़ गए हैं।

एयर फोर्स और सेना को खरीद कर दिए जाएं नए हैलीकॉप्टर

शहीद रजनीश परमार के चाचा वेद परमार और मामा निर्मल मिन्हास का कहना है कि जितने भी पुराने हैलीकॉप्टर उड़ाए जा रहे हैं, इनको उड़ाना बंद कर दिया जाए क्योंकि इनकी हालत ठीक नहीं है, जिस कारण आए दिन यह हादसे हो रहे हैं और सेना के कई जवान और पायलट अपनी जान गंवा रहे हैं। उन्होंने सरकार से अपील की है कि नए हैलीकॉप्टर जो हैं वह एयर फोर्स और सेना को खरीद कर दिए जाएं ताकि आने वाले वक्त में ऐसे हादसे न हों और किसी का बेटा शहीद न हो।

Vijay