अनुराग-शांता के गढ़ में सेंध लगाने के लिए कांग्रेस बनाएगी रणनीति

Thursday, May 17, 2018 - 11:59 AM (IST)

शिमला: हिमाचल कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस कड़ी में प्रदेश कांग्रेस 19 मई को सांसद अनुराग ठाकुर के गढ़ में सेंध लगाने के लिए रणनीति तैयार करेगी। इसके साथ ही 20 मई को सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के गढ़ कांगड़ा में मंथन किया जाएगा। आगामी वर्ष लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में प्रदेश कांग्रेस अभी से ही तैयारियों में जुट गई है, ताकि सभी को एकजुट कर चुनावी नतीजे अपने पक्ष में किए जा सकें। इन दोनों बैठकों की अध्यक्षता कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू करेंगे, जबकि कांग्रेस की प्रदेश सह प्रभारी रंजीता रंजन विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगी। 


बैठक में लोकसभा चुनावों के लिए सत्ताधारी दल भाजपा को घेरने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। हमीरपुर व कांगड़ा संसदीय क्षेत्र भाजपा के मजबूत गढ़ रहे हैं। कांग्रेस का प्रयास इस बार इन दोनों गढ़ों में सेंध लगाना होगा। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ने से इंकार कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस की नजर कांगड़ा संसदीय क्षेत्र पर भी है। इसके साथ ही देखा जाए तो हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के तहत सुजानपुर हलके से भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल विधानसभा का चुनाव हार गए थे। 


ऐसे में कांग्रेस हमीरपुर संसदीय सीट पर भी जीत के विकल्प तलाश रही है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन नरेश चौहान ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर हमीरपुर और कांगड़ा संसदीय क्षेत्रों के नेताओं, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ 19 और 20 मई को अलग-अलग बैठक की जाएगी। बैठकों में प्रदेश कांग्रेस की सह प्रभारी रंजीता रंजन विशेष रूप से मौजूद रहेंगी। उन्होंने बताया कि यह बैठक पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की अध्यक्षता में होगी। 


प्रत्याशियों को लेकर भी होगा मंथन
सूत्रों की मानें तो इन बैठकों में लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों पर भी चर्चा हो सकती है। कांग्रेस प्रयासरत है कि लोकसभा प्रत्याशियों का चयन समय रहते कर लिया जाए, ताकि टिकट आबंटन के बाद होने वाली गुटबाजी से बचा जा सके। कांग्रेस को बीते लोकसभा चुनाव में प्रदेश की चारों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में पुरानी गलतियों को नहीं दोहराना चाहती है। 
 

Ekta