अब तक पूरी नहीं हुई शहीद संजीवन राणा के नाम पर हुई घोषणाएं

Sunday, Jul 25, 2021 - 05:08 PM (IST)

धर्मशाला (नृपजीत निप्पी) : पठानकोट एयरवेस पर हुए आतंकी हमले में अपने प्राणों की आहूति देने वाले शाहपुर के सियूंह गांव के शहीद संजीवन राणा के नाम पर हुई घोषणाएं पूरी नहीं हो पाई हैं। आलम यह कि शहीद के घर के बाहर एनएच किनारे शहीद के नाम पर लगाया गया बस स्टॉप का बोर्ड भी खराब हो चुका था। ऐसे में स्थानी युवाओं ने विचार विमर्श करके अपने स्तर पर यहां पर नया बोर्ड स्थापित करने और हर आने-जाने वाले को शहीद का नाम नजर आए, इसके लिए सोलर लाइट लगाने का निर्णय लिया था। रविवार को स्थानीय युवा कार्निक पाधा की अगुवाई में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जहां शहीद के घर के बाहर एनएच किनारे शहीद के नाम पर बस स्टॉप का नया बोर्ड स्थापित किया गया तथा लगाई गई नई सोलर लाइट का उदघाटन शहीद की पत्नी पिंकी राणा ने करवाया गया। स्थानीय युवाओं का कहना था कि शहीद के नाम पर शाहपुर काॅलेज का नामकरण करने की घोषणा सरकार ने की थी, जो अधूरी है, अब युवाओं ने इसके लिए संघर्ष समिति गठित करने का निर्णय लिया है।

रखरखाव न होने से खराब हो गया था बोर्ड: कार्निक

शाहपुर के युवा कार्निक पाधा ने बताया कि सियूंह में शहीद संजीवन राणा के घर के बाहर एनएच किनारे एक बोर्ड लगाया गया था, जिसका रखरखाव न होने के चलते वह खराब हो गया था। जिस पर स्थानीय युवाओं ने शहीद के घर के बाहर बोर्ड लगाने का निर्णय लिया था, जिससे यहां से गुजरने वाले लोगों को भी ज्ञात हो सके कि वह शहीद के घर के पास से गुजर रहे हैं। शहीद के घर के बाहर एनएच किनारे जहां बोर्ड लगाया गया है, वहां पर एक सोलर लाइट भी लगाई गई है। शहीद संजीवन राणा ने पठानकोट एयरवेस पर हुए आतंकी हमले में अपने प्राणों की आहूति दी थी। क्षेत्र के युवा हमेशा शहीद के परिवार के साथ हैं और रहेंगे।

शहीद के नाम की घोषणाओं हेतू कर रहे संघर्ष: बिंदु

सियूंह पंचायत के पूर्व प्रधान बिंदु राणा ने बताया कि शहीद के घर के बाहर जहां शहीद के नाम पर बस स्टॉप का बोर्ड खराब हो गया था, वहां नया बोर्ड लगाया गया है, साथ ही यहां से गुजरने वाले वाहनों में आने-जाने वाले शहीद के नाम को पढ़ सकें, इसके लिए बोर्ड के साथ ही एक सोलर लाइट भी लगाई है, जिसका उदघाटन शहीद संजीवन राणा की पत्नी पिंकी राणा से करवाया गया है। सरकार ने शाहपुर काॅलेज का नामकरण शहीद संजीवन राणा के नाम पर करने की घोषणा की थी, जिसे आज तक  पूरा नहीं किया गया है, जिसके लिए अब स्थानीय ग्रामीण संघर्ष समिति का गठन करने जा रहे हैं। हम आज भी शहीद के नाम की घोषणाओं को पूरा करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।
 

Content Writer

prashant sharma