Himachal: क्रिकेट वर्ल्ड कप विजेता रेणुका ठाकुर को 1 करोड़ के ईनाम की घाेषणा के बाद सोशल मीडिया पर छिड़ी बड़ी बहस
punjabkesari.in Tuesday, Nov 04, 2025 - 02:37 PM (IST)
डैस्क: हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा भारतीय महिला क्रिकेट टीम की तेज गेंदबाज रेणुका ठाकुर को विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के लिए एक करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि देने की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर एक नई बहस छिड़ गई है। एक तरफ जहां सरकार के इस कदम की सराहना हो रही है, वहीं दूसरी ओर खो-खो विश्व कप विजेता कुल्लू की नीता राणा के साथ कथित सौतेले व्यवहार को लेकर सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में प्रदेश सरकार ने शिमला जिले की रहने वाली क्रिकेटर रेणुका ठाकुर को उनके उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन के लिए एक करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि देने का ऐलान किया है। सरकार के इस फैसले का स्वागत हुआ, लेकिन इसने एक और सवाल को जन्म दे दिया। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने कुल्लू जिले की रहने वाली नीता राणा का मुद्दा उठाया, जो खो-खो विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रही हैं। लोगों का कहना है कि जब एक विश्व कप विजेता को सरकार एक करोड़ रुपये से सम्मानित कर सकती है, तो दूसरी विश्व कप विजेता खिलाड़ी नीता राणा की अनदेखी क्यों की जा रही है? इसे सौतेला व्यवहार बताते हुए यूजर्स सरकार की खेल नीति पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर उठी जोरदार मांग
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह मुद्दा तेजी से फैल रहा है। लोग पोस्ट और कमेंट्स के जरिए मांग कर रहे हैं कि कुल्लू की बेटी नीता राणा को भी रेणुका ठाकुर के बराबर एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी जानी चाहिए। यूजर्स का तर्क है कि उपलब्धि दोनों की विश्व स्तरीय है, तो सम्मान में भेदभाव क्यों? लोगों का मानना है कि इस तरह के भेदभाव से क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में भविष्य बनाने वाले युवाओं का मनोबल टूटता है।
पुरस्कार राशि बनी सरकार के लिए परीक्षा
सोशल मीडिया पर इस अभियान के जोर पकड़ने के बाद अब प्रदेश सरकार पर दबाव बढ़ गया है। यह बहस अब केवल दो खिलाड़ियों के बीच पुरस्कार राशि की तुलना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह क्रिकेट बनाम अन्य खेलों को मिलने वाले महत्व का प्रतीक बन गई है। कई लोग इसे सरकार के लिए एक परीक्षा के तौर पर देख रहे हैं कि क्या वह सभी खेलों और खिलाड़ियों को समान सम्मान देती है या नहीं।
सरकार के अगले कदम पर टिकी सभी की निगाहें
अब सभी की निगाहें हिमाचल सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं। क्या सरकार सोशल मीडिया पर उठ रही इस मांग और जनभावना का सम्मान करते हुए निता राणा के लिए भी बड़ी पुरस्कार राशि की घोषणा करेगी? या फिर वह इस ट्रोलिंग और बहस को नजरअंदाज कर अपनी नीति पर कायम रहेगी? सरकार का फैसला जो भी हो, वह प्रदेश में अन्य खेलों के भविष्य और खिलाड़ियों के मनोबल पर गहरा असर डालेगा।

