कोकसर-सिस्सू पंचायत के 22 गांवों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान, जानिए क्यों

Tuesday, Apr 23, 2019 - 09:30 PM (IST)

मनाली: वन अधिकार अधिनियम 2006 को लागू नहीं करने और अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित लाहौल की कोकसर और सिस्सू पंचायत के 22 गांवों के लोगों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है। सिस्सू तथा कोकसर पंचायत प्रधानों के नेतृत्व में मंगलवार को 7 महिला मंडलों ने इसको लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। कोकसर पंचायत प्रधान सुमन देवी ने कहा कि घाटी के 90 फीसदी परिवारों की रोजी-रोटी कृषि पर टिकी है। कई लोग पिछले 30-40 वर्षों से वन भूमि पर खेती कर अपना पेट पाल रहे हैं। केंद्र सरकार ने आदिवासी लोगों के हित में साल 2006 में वन अधिकार अधिनियम कानून को बना कर राज्य सरकारों को इसे लागू करने के निर्देश दिए लेकिन प्रदेश में किसी भी सरकार ने वन अधिकार कानून को लागू करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। लिहाजा इलाके की जनता में रोष है।

सड़कों से बर्फ हटाने में बरती लापरवाही

उन्होंने कहा कि सर्दियों में सिस्सू हैलीपैड पर हैलीकॉप्टर की नियमित उड़ानें नहीं होने से दर्जनों स्कूली बच्चे महीनों घर में ही फंसे रहे जबकि लोक निर्माण विभाग और बी.आर.ओ. की तरफ  से सड़कों से बर्फ  हटाने में लापरवाही बरती गई। वहीं सिस्सू और कोकसर में सर्दियों के 4 महीने तक दूरसंचार नैटवर्क ठप्प रहा। इलाके के लोग 4 महीने तक घरों से बाहर रहे व अपनों से बात तक नहीं कर पाए। सड़कें बंद होने से सिस्सू और कोकसर पंचायत के लोग अपनी समस्याओं को जिला प्रशासन तक पहुंचाने में भी असमर्थ रहे क्योंकि 4 महीने तक इलाके का सड़क संपर्क जिला मुख्यालय से कटा रहा।

22 अप्रैल को बुलाई बैठक में लिया निर्णय

सुमन ने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर विशेषकर महिला मंडलों में बेहद नाराजगी है इसलिए 22 अप्रैल को सभी महिला मंडलों की बुलाई गई बैठक में लोकसभा चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया गया। उधर, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डी.सी. अश्विनी कुमार चौधरी ने कहा कि लोगों ने अपनी समस्या को लेकर ज्ञापन दिया है तथा उनकी समस्या का शीघ्र समाधान किया जाएगा, वहीं लोकसभा चुनावों में बढ़-चढ़कर मतदान करने का भी लोगों से आग्रह किया।

Vijay