संगड़ाह महाखुमली में आर-पार की लड़ाई की घोषणा, सरकार को जून तक का अल्टीमेटम

punjabkesari.in Monday, Apr 18, 2022 - 12:23 AM (IST)

संगड़ाह (नाहन)( एसआर पुंडीर): अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त करने के लिए पिछले 50 साल से गिरिपार क्षेत्र की 154 पंचायतों के 3 लाख से अधिक हाटी समुदाय के लोग आंदोलनरत हैं। इस कड़ी में अब हाटी महाखुमलियां  आयोजित कर अपनी शक्ति और एकता का प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को संगड़ाह में महाखुमली आयोजित की गई। इसमें सरकार को हाटियों ने उनकी मांग पूरी करने के लिए जून तक का अल्टीमेटम देकर आर-पार की लड़ाई लडऩे का ऐलान कर दिया है। महाखुमली को संबोधित करते हुए केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष डाॅ. अमी चंद कमल ने कहा कि वैधानिक दृष्टि से हाटियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा तो 1979 में उसी वक्त मिल चुका है, जब भोलानाथ शास्त्री की अध्यक्षता वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति कमीशन ने भारत सरकार को गिरीपार क्षेत्र में रहने वाले हाटी कबीले को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की सिफारिश की थी। मगर तब से लेकर आज तक की सरकारों ने हाटियों के साथ अन्याय किया है। इस सिफारिश को लागू नहीं किया गया।
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हाटियों के संघर्ष को लगातार कठिन बनाया

सरकार और नेताओं की अनदेखी ने हाटियों के संघर्ष को लगातार कठिन बनाया है। 1967 में जब तत्कालीन आईएएस अधिकारी एवं सचिव ठाकुर सेन नेगी तथा समाज कल्याण विभाग के निदेशक बिशन दास गिरीपार क्षेत्र का केस लेकर दिल्ली लोकुर कमीशन के पास गए। इसके पास जौनसार बाबर का केस भी गया था तो पता चला कि 1955 में हिमाचल सरकार ने गिरीपार क्षेत्र के करीब 82 प्रतिशत लोगों अर्थात खशों तथा भाटों की जाति बदलकर राजपूत तथा ब्राह्मण कर दी थी। इसे दुरुस्त करवाने का संघर्ष आज भी जारी है। इसके अलावा यहां से चुने गए सांसदों ने इस मुद्दे को संसद में नहीं उठाया, जबकि हमीरपुर तथा कुल्लू से चुने गए सांसदों ने पहली बार इस मसले को संसद में उठाया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले में दखल कर हिमाचल सरकार से समयबद्ध तरीके से हाटियों की फाइल कम्प्लीट कर मंगवाई तथा उस पर ट्राइबल मंत्रालय तथा रजिस्ट्रार जनरल को शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए। जैसा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर घोषणा कर चुके हैं कि अब हाटियों का प्रतिनिधिमंडल उनसे तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगा। 

जून के बाद निर्णायक लड़ाई होगी, चुनावों का भी होगा बहिष्कार : शास्त्री

केंद्रीय हाटी समिति के महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री ने कहा कि हाटियों की फाइल हर तरह से कम्प्लीट है। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है। मुख्यमंत्री तथा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाटियों के साथ का ऐलान किया है। उन्होंने सरकार को स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि जून माह तक हाटियों की मांग पूरी नहीं की जाती है तो उसके बाद आर-पार की निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। अब लोगों का सब्र टूट रहा है। उन्होंने वहां मौजूद 5000 से अधिक लोगों से संकल्प लिया कि यदि आगामी चुनाव से पहले हाटियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं दिया जाता है तो सभी लोग चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

कांग्रेस हाटियों के साथ : विनय कुमार

रेणुका के विधायक विनय कुमार ने कहा कि वह तथा उनकी पार्टी हमेशा ही हाटियों के साथ खड़ी है। इसी क्षेत्र का हिस्सा रहे जौनसार बाबर को अनुसूचित जनजाति का दर्जा 1967 में ही मिल चुका है, जिससे इस क्षेत्र के साथ भारी अन्याय हुआ है। उन्होंने विधानसभा में भी इस मसले को उठाया है तथा आगे भी हाटियों के साथ हमेशा खड़े रहेंगे।

हाटियों को मिले अधिकार : सरैक

पद्मश्री विद्यानंद सरैक ने कहा कि हाटियों को उनका अधिकार शीघ्र मिलना चाहिए। हाटियों की लुप्त हो रही संस्कृति को बचाने के लिए केंद्र व हिमाचल सरकार को सही दिशा में कदम उठाने चाहिए। पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली में हाटी मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह से भी बात की है, जिनका रिस्पांस बहुत ही उत्साहजनक था।

नेताओं की ली खबर 

महाखुमली में शिमला, चंडीगढ़, सोलन तथा सिरमौर जिले के विभिन्न भागों से आए अतुल कौशिक, शकुंतला चौहान, प्रदीप सिंगटा, मीरा चौहान, योगेश, विक्रम ठाकुर, सुनील ठाकुर, अनिल ठाकुर, जैलदार तपेन्द्र चौहान, रमेश वर्मा, संगड़ाह खंड हाटी समिति के अध्यक्ष रविन्द्र सिंह चौहान तथा शिवचरण चौहान सहित एक दर्जन से अधिक हाटी नेताओं ने भाषण दिए तथा नेताओं की खूब खबर ली। उन्होंने कहा कि यदि हाटी आजादी के 75 साल बाद भी पिछड़े तथा गरीब हैं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है। क्या उन लोगों की कोई जिम्मेदारी व जवाबदेही नहीं बनती है, जिन्हें हाटी लोग वोट देकर चुनते हैं। महाखुमली में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ 5 हजार से अधिक लोगों ने पारंपरिक वेशभूषा में हिस्सा लिया। महाखुमली में सांस्कृतिक दलों के माध्यम से हाटी लोक संस्कृति ने भी खूब छटा बिखेरी।

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Content Writer

Vijay

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