DC कार्यालय के बाहर गरजे पशुपालक, दी ये चेतावनी

Saturday, May 27, 2017 - 12:13 AM (IST)

चम्बा: राजनीतिक दबाव में आकर वन विभाग ने अपनी कार्रवाई को अंजाम देते हुए गलत ढंग से लोगों की चारागाहों के परमिट रद्द किए हैं। वन विभाग के इस तुगलकी फरमान को अगर जल्द रद्द नहीं किया गया तो प्रभावित पशुपालक अपने परिवार व अपने मवेशियों के साथ डी.सी. कार्यालय व वन विभाग के कार्यालय के बाहर धरना देंगे। यह बात शुक्रवार को जिला भाजपा महामंत्री जय सिंह की अगुवाई में डी.सी. चम्बा से मिले प्रभावित पशुपालकों ने कही। इस दौरान उक्त प्रभावितों ने भाजपा महामंत्री की अगुवाई में डी.सी. कार्यालय परिसर में धरना-प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। 

14 पशुपालकों के सामने चारे की विकराल स्थिति
जिला भाजपा महामंत्री ने इस मौके पर बताया कि एक व्यक्ति की शिकायत पर मार्च माह में आयोजित हुई जिला परिषद की बैठक में चुराह उपमंडल के 14 पशुपालकों के खिलाफ निर्णय लिया गया। उक्त निर्णय पर वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए 14 पशुपालकों की चारागाहों के जारी परमिटों को रद्द कर दिया, ऐसे में संबंधित पशुपालकों के समक्ष चारे की विकराल स्थिति पैदा हो गई है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए वन विभाग द्वारा इस दिशा में की गई कार्रवाई को रद्द करे। यदि ऐसा नहीं किया तो उक्त परिवारों के साथ उनके मवेशियों के भूखे मरने की नौबत आ जाएगी।

एक तरफा कार्रवाई को अंजाम देकर सुनाया फैसला
भाजपा नेता ने कहा कि हैरानी की बात है कि जिन लोगों के खिलाफ शिकायत की गई, विभाग ने अपनी जांच प्रक्रिया के दौरान उक्त लोगों का पक्ष जानने का भी प्रयास नहीं किया। एक तरफा कार्रवाई को अंजाम देकर पुश्तैनी मवेशी पालन व्यवसाय पर आश्रित इन 14 परिवारों को भूखे मरने की स्थिति पैदा कर दी, जिसके लिए वन विभाग पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि अगर वन विभाग ने अपने इस गलत निर्णय को रद्द करके प्रभावित परमिट धारकों को अगले 5 दिनों के भीतर नए सिरे से चारागाहों के परमिट जारी नहीं किए तो प्रभावित परिवारों के हक को दिलाने के लिए वह उनके साथ मिलकर धरना-प्रदर्शन, भूख हड़ताल व चक्का जाम करने से गुरेज नहीं करेंगे। इस स्थिति के लिए प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार होगा।