कृषि सुधार के दोनों विधेयकों पर अनुराग की कांग्रेस को खुली बहस की चुनौती

Sunday, Oct 11, 2020 - 11:00 PM (IST)

धर्मशाला (तनुज): कृषि सुधार को लेकर लाए गए विधेयकों पर कहीं भी खुली बहस करने की चुनौती केंद्रीय वित्त एवं कार्पाेरेट मामले राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी है। उन्होंने कहा कि विधेयकों का विरोध करने वाली कांग्रेस बताए कि किसानों को इस बिल से कहां पर नुक्सान हो रहा है। ट्रैक्टर पर सोफा सीट लगाकर किसान हित में कौन सा आंदोलन हो रहा है, यह सब किसान भी समझ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी द्वारा 2022 एजैंडे के तहत इस कानून को लेकर किसानों को गुमराह करने को आंदोलन किया जा रहा है।

रविवार को धर्मशाला में पत्रकार वार्ता के दौरान अनुराग ठाकुर ने कहा कि किसानों के सशक्तिकरण, आय दोगुनी करने, फसलों का सही मूल्य दिलाने तथा कृषि को तकनीकी से जोडऩे के लिए केंद्र सरकार निर्णायक कदम उठा रही है। नए किसान कानून के जरिए वर्षों से शोषित और प्रताडि़त सीमांत किसानों के आॢथक सशक्तिकरण व उन्हें बराबरी का हक दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों के हितों को देखते हुए एमएसपी निर्धारण में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किया है। इसमें लागत मूल्य से कम से कम 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर एमएसपी का निर्धारण किया जाता है।

पहले की तरह चलती रहेगी एमएसपी

उन्होंने कहा कि तत्कालिक भ्रम फैलाते हुए जो यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली समाप्त हो जाएगी तो इस पर प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री साफ  कर चुके हैं कि एमएसपी पहले की तरह चलती रहेगी। एक भ्रांति यह भी फैलाई गई है कि कृषक यदि कृषि उत्पाद मंडियों के बाहर बेचेंगे तो मंडियां समाप्त हो जाएंगी, मंडियां समाप्त नहीं होंगी, वहां राज्यों के अधिनियम व उनकी व्यवस्था के तहत पूर्ववत व्यापार होता रहेगा। केंद्र की मोदी सरकार ने व्यापारियों की तरह ही किसानों को भी उत्पाद बेचने के लिए विकल्प उपलब्ध करवाया तो इसमें गलत क्या है।

कांग्रेस जीएसटी लाना चाहती थी, नहीं ला पाई

कांग्रेस जीएसटी लाना चाहती थी, नहीं ला पाई मगर उसे भाजपा सरकार लेकर आई तो यही कांग्रेस उसका विरोध करने लगी। अब यही रवैया कांग्रेस किसान बिल को लेकर अपना रही है। कांग्रेस ने जिस बात का जिक्र अपने घोषणा पत्र में किया था, मोदी सरकार ने उसे लागू करने का काम किया है। कांग्रेस पार्टी तब झूठ बोल रही थी या अब, उन्हें यह साफ  करना चाहिए। किसान अपनी इच्छा से दाम तय कर उपज बेचेगा, वह सिर्फ फसल का ठेका करेगा न कि जमीन का। किसान को 3 दिन के भीतर दाम मिलेगा और कोई विवाद होता है तो संबंधित एसडीएम 30 दिनों के भीतर इसका निपटारा करेंगे।

कांग्रेस की गलतियों से लटके प्रोजैक्ट

अनुराग ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार की गलतियों की वजह से प्रदेश में सैंट्रल यूनिवर्सिटी और एनएच के कार्य लटके हैं। इसका खमियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। अनुराग ने आरोप लगाया कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने 5 साल तक सी.यू. के कार्य को लटकाए रखा। उन्होंने कहा कि सैंट्रल यूनिवर्सिटी का कार्य अधर में कांग्रेस की वजह से है और यह सब कांग्रेस के वोट बैंक की वजह से हुआ है। जमीन न मिलने की वजह से कांग्रेस ने सैंट्रल यूनिवर्सिटी के काम को रोके रखा। अब जाकर इसकी डीपीआर दोबारा बदलाव के साथ भेजी गई है। वहीं नैशनल हाईवे को लेकर पूर्व में कांग्रेस सरकार एनएच की डीपीआर नहीं बना पाई। डीपीआर के लिए भी केंद्र की ओर से पैसा दिया गया था। नैशनल हाईवे हमारी सरकार ने दिए लेकिन जहां भी हाईवे बनते हैं वहां टोल लगता है। केंद्र को जो भी रिपोर्ट आती है, उस पर चर्चा होती है कि कितना खर्चा होगा लेकिन कांग्रेस सरकार तो एनएच की डीपीआर ही नहीं बना पाई।

प्रदेश में 3 बड़े एयरपोर्ट्स की जरूरत

कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार पर अनुराग ने कहा कि पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए हिमाचल में 3 बड़े एयरपोर्ट की जरूरत है। कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार की संभावनाएं हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर एयरपोर्ट विस्तार को लेकर आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट विस्तार से प्रदेश में पर्यटन में इजाफा होगा।

रेल लाइन पर भी हो रहा काम

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ऊना-हमीरपुर रेललाइन उनका ड्रीम प्रोजैक्ट है। इस रेल लाइन के निर्माण को लेकर प्रदेश सरकार से लिखित में ब्यौरा मांगा गया है। इसमें प्रदेश सरकार को लिखित में बताना होगा कि वह इस रेल लाइन के लिए कितनी राशि खर्च कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महत्व के तौर पर ली गई बिलासपुर-भानुपल्ली रेल लाइन को लेकर भी 20 किलोमीटर के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया गया है। अगले 20 किलोमीटर की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को भी आरंभ कर दिया गया है। लद्दाख से भी जमीन अधिग्रहण संबंधी प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है।

हिमाचली छोकरों ने हर जगह कमाया नाम

हिमाचल के छोकरों ने कहीं भी नाम कमाने में कमी नहीं छोड़ी है। शहीदों को याद करते हुए अनुराग ने कहा कि देश के प्रथम परमवीर चक्रविजेता हिमाचल से थे और कारगिल युद्ध में भी प्रदेश के 2 जवानों ने परमवीर चक्र अपने नाम किए हैं, ऐसे में हिमाचली युवक स्वयं को हिमाचली छोकरा कहने में गर्व महसूस करते हैं तो उन्हें गर्व करना चाहिए।

Vijay