हाई प्रोफाइल बाबा के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा, महापंचायत में किया ये ऐलान

Sunday, May 14, 2017 - 09:34 PM (IST)

सोलन: श्री रामलोक मंदिर के संचालक व हाई प्रोफाइल बाबा अमर देव को क्षेत्र के लोग किसी भी कीमत पर रुड़ा में नहीं आने देंगे। यह निर्णय रविवार को मापना मंदिर रुड़ा में हुई महापंचायत में लिया गया। जानकारी के अनुसार बाबा व ग्रामीणों के बीच हुए विवाद के बाद ग्रामीणों ने रविवार को रुड़ा के मापना मंदिर परिसर में बाबा को लेकर निर्णय करने के लिए महापंचायत बुलाई थी। इस महापंचायत में क्षेत्र की 10 पंचायत के लोगों के अलावा सोलन की करीब 20 पंचायत के प्रतिनिधियों, सोलन शहर के लोगों, कांग्रेस, भाजपा व वामपंथी नेताओं ने भी भाग लिया। महापंचायत में विशेष तौर पर डी.सी. सोलन राकेश कंवर को भी आमंत्रित किया गया था। उनकी उपस्थिति में ही ग्रामीणों ने अपना निर्णय सुनाया।



24 साल की उम्र में कहां से आईं 26 करोड़ की मूर्तियां 

महापंचायत में लोगों ने यह सवाल भी किया कि बाबा अपनी उम्र 24 वर्ष बताता है लेकिन वह यह जानकारी नहीं देता कि वह कहां से आया है। जो पता वह बताता है सरकार ने उसे मान लिया है लेकिन उसके पते की जांच नहीं करवाई। इसके अलावा ग्रामीणों ने यह भी कहा कि 24 साल की उम्र में बाबा ने मंदिर में करीब 26 करोड़ की मूर्तियां स्थापित की हैं। क्या इसकी जांच नहीं होनी चाहिए कि बाबा इतना पैसा कहां से लाया। इस बाबा का गुरु कौन है, इसने शिक्षा-दीक्षा कहां से ग्रहण की है, इसका भी कुछ पता नहीं है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि वे रामलोक मंदिर के खिलाफ नहीं है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि श्री रामलोक मंदिर में जो मूर्तियां हैं, इनका हिसाब-किताब बाबा यदि सरकार को देता है तो उसे मूर्तियां ले जाने दी जाएंगी वरना ग्रामीण मूर्तियां भी नहीं ले जाने देंगे।



डी.सी. सोलन ने किया मंदिर का निरीक्षण
करीब 400 लोगों ने महापंचायत में एक स्वर में कहा कि श्री रामलोक मंदिर का या तो सरकार अधिग्रहण कर ले या फिर बाबा यहां से अपनी मूर्तियां ले जाएं। महापंचायत के इस निर्णय के बाद बाबा अमर देव की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ गई हैं। महापंचायत में लोगों ने बाबा द्वारा करोड़ों रुपए की मूर्तियां मंदिर में लगाने का मामला भी उठाया। ग्रामीणों ने इस बात की जांच की मांग भी की कि बाबा इतने पैसे कहां से लाया। डी.सी. सोलन ने लोगों की सारी बातें सुनने के बाद रुड़ा स्थित मंदिर का निरीक्षण कर वहां पर बाबा द्वारा सरकारी भूमि पर किए गए कब्जे को भी देखा। इस निरीक्षण के दौरान एस.डी.एम. कंडाघाट नीलम दुल्टा व तहसीलदार कंडाघाट संजीत शर्मा भी उनके साथ उपस्थित रहे। ग्रामीणों ने उन्हें बाबा की 3 लग्जरी गाडिय़ां भी दिखाईं, जिनकी कीमत करोड़ों में है। उन्होंने इन गांडियों की जांच की भी मांग की। 



सरकार को प्रेषित की जाएगी रिपोर्ट
ग्रामीणों से संबोधित करते हुए डी.सी. सोलन ने कहा कि प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन इस मंदिर से संबंधित सभी मामलों का सौहार्दपूर्ण हल निकालने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन सभी मामलों का बातचीत द्वारा हल निकलेगा। उन्होंने कहा कि रामलोक मंदिर के संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रदेश सरकार को प्रेषित की जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों से शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने का आग्रह किया।