आंगनबाड़ी वर्कर ने हिम सुरक्षा अभियान में काम से किया इंकार

Friday, Dec 04, 2020 - 04:50 PM (IST)

चम्बा (काकू): सीटू से संबंधित आंगनबाड़ी वर्कर्स हेल्पर्स यूनियन प्रोजेक्ट चुवाड़ी का प्रतिनिधि मंडल सीटू जिला महासचिव सुदेश ठाकुर की अगुवाई में बाल विकास परियोजना अधिकारी से मिला। इसमें यूनियन सचिव रेखा  देवी, अध्यक्ष बबीता देवी,  उपाध्यक्ष सिम्मी मौजूद रही। उन्होंने कोविड -19 से सम्बन्धित समस्याओं को लेकर बाल विकास परियोजना अधिकारी को मांगपत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कारोना महामारी में ड्यूटी करवा रही है, लेकिन उन्हें इसकी एवज में किसी तरह का वेतन या कोई अन्य लाभ नहीं दे रही। न ही कोई सामाजिक सुरक्षा और न ही किसी तरह के बीमा का का प्रावधान है।

यूनियन ने पत्र में  28 नवम्बर के यूनियन की राज्य कमेटी द्वारा मुख्यमंत्री को सौंपे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि यूनियन ने कोविड 19 के हिम सुरक्षा अभियान में कार्य करने को मना किया है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर्स ने आज दिन तक सरकार व विभाग के आदेशों व दिशा निर्देशों के अनुसार अपनी सेवाओं के अतिरिक्त भी आज तक कार्य किया है वह आगे भी करेंगे। कोविड-19 हमारी सेवाओं में नहीं आता है और ना ही इसके लिए हमें किसी प्रकार का प्रशिक्षण दिया गया है। यदि हम बिना प्रशिक्षण के कार्य करते हैं तो कोरोना महामारी से संक्रमित लोगों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

कोविड-19 के कार्य करने का कोई भी अतिरिक्त लाभ या वेतन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को नहीं दिया जा रहा है। न ही किसी प्रकार की समाज सुरक्षा का प्रावधान है और न ही कोई बीमा पॉलिसी है और ना ही  कोई  मुआवजे का प्रावधान है। यूनियन ने मांग की है कि आंगनबाड़ी वर्कर्स को कोविड-19 के काम करने पर अतिरिक्त वेतन दिया जाए, ड्यूटी के समय आंगनबाड़ी वर्कर के संक्रमित होने होने पर उसके इलाज वाह परिवार की सुरक्षा का इंतजाम सरकार करें। ड्यूटी के समय दुर्घटना वर्ष अगर किसी कार्यकर्ता की मौत हो जाती है या कोविड से संक्रमित होने पर मौत होती है तो मुआवजे के तौर पर 25 लाख रुपए दिए जाए तथा 50 लाख रुपए का बीमा कवर दिया जाए।

यूनियन ने रोष जताया कि कि कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने ड्यूटी कारणवश करने से मना किया तो विभाग द्वारा उन कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाया गया और हाई कोर्ट का ऑर्डर दिखाकर डराया गया कि ड्यूटी ना करने पर आपकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएगी। यूनियन ने कहा कि ऐसे तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया है जिसकी सरकार से मांग कई वर्षों से कर रहे है। उन्होंने कहां की योजना कर्मी है और एक योजना के तहत कार्य कर रहे हैं उनकी सेवा शर्तों में नियुक्ति के समय स्वयंसेवी शब्द लिखा जाता है और उन्हें स्वयंसेवी ही माना जाता है पारिश्रम के रूप में उन्हें मानदेय दिया जाता है।

यूनियन ने सरकार व विभाग से मांग की है कि वे ड्यूटी के समय कार्यकर्ता के साथ यदि कोई दुर्घटना होती है तो उसकी जिम्मेवारी लें। यूनियन ने कहा कि सरकार काम करवाने के साथ उनकी मांग को भी पूरा करे अन्यथा इस शोषण के खिलाफ उनके पास संघर्ष के सिवाय कोई रास्ता नहीं होगा। इस प्रतिनिधि मण्डल में लता देवी, अनीता कुमारी, सपना देवी, सुबह, बीना, नीलम, अरुणा आदि शामिल रहे।

Kaku Chauhan